जाटौली एसटीपी परिसर में हेलीमंडी पालिका प्रशासन द्वारा पौधारोपण. आज एसटीपी परिसर में एक भी पौधा मौके पर दिखाई नहीं दे रहा. न पौधों का कोई हिसाब औैर न हीं यहां ट्री गार्ड का कोई रखरखाव

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।    कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी में ऑक्सीजन के संकट से सबक लेते हुए हरियाणा सरकार और सीएम मनोहर लाल खट्टर के द्वारा ऐलान किया गया है कि हरियाणा में तीन करोड़ पौधे रोपे जाएंगे। यह बहुत ही प्रेरणादायक , पर्यावरण हित सहित आम जनमानस के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित होगा।

इसके विपरीत पटौदी विधानसभा क्षेत्र में ही हेली मंडी नगर पालिका प्रशासन के द्वारा किए गए पौधारोपण को पौधारोपण माना जाए या फिर इसको सरकारी धन का दोहन कहा जाए ? इस पूरे मामले में नवागत निगम कमिश्नर मुकेश कुमार आहूजा को संज्ञान लेते हुए अविलंब जांच करवाई जानी चाहिए । जानकारी के मुताबिक करीब एक वर्ष पहले हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा जाटौली इलाके में राजकीय महाविद्यालय जाटौली के निकट एसटीपी परिसर में विभिन्न प्रकार के अनेक पौधे लगाए गए थे।। पौधे लगाने के साथ ही इन पौधों की सुरक्षा के लिए यह ट्री गार्ड भी लगाए गए । इसके बाद में आज जो स्थिति यहां बनी हुई है, वह बयान कर रही है कि पौधारोपण की आड़ में बिना किसी डर-भय के सरकारी धन का दोहन ही किया गया है ।

कथित रूप से एसटीपी परिसर के बगल में ही 50 से अधिक विभिन्न किस्मों के पौधे हेली मंडी पालिका प्रशासन और यहां के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगाए गए थे । यह पौधे वृक्ष बने और सुरक्षित रहे इसके लिए ट्री गार्ड भी लगाए गए । लेकिन 3 दिन पहले ही कोरोना महामारी में जान गंवाने वालों को याद करते हुए पौधारोपण का संकल्प लेते हुए जगह-जगह पौधारोपण भी किया गया । हेली मंडी पालिका के चेयरमैन , पार्षदों सहित सत्ताधारी दल के पदाधिकारियों के द्वारा भी एक पौधा लगाया गया । जिसका फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया । अब सवाल यह है कि एक वर्ष पहले जो अनेक पौधे एसटीपी प्लांट परिसर में लगाए गए, आखिर वह सभी पौधे क्यों और किसकी लापरवाही के कारण वृक्ष बनने से पहले ही मर गए या फिर रोपे गए नन्हें पौधों की अपरोक्ष रूप से हत्या कर दी गई । सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर के बगल में ही जो हालात बने हुए हैं उन्हें देखकर किसी भी प्रकार से दावा नहीं किया जा सकता कि यहां पौधे लगाए जाने के बाद में पौधों की देखभाल की गई ।

एमएलए की बैठक में ट्री गार्ड बने चर्चा
बीते वर्ष हेली मंडी पालिका कार्यालय में पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा बुलाई गई बैठक में ट्री गार्ड संबंधित मामला उठाया गया था । पालिका के ही पार्षदों ने भेद खोलते हुए गंभीर आरोप लगाए थे कि ट्री गार्ड के वजन में खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है । एमएलए जरावता को बताया गया था कि ट्री गार्ड का भुगतान वजन के हिसाब से किया गया और जो ट्री गार्ड बने हैं वह चकोर खोखले पाइप के बने हुए हैं । पार्षदों के आरोप के मुताबिक इन खोखले पाइपों के बीच में मिट्टी अथवा रेत भरकर वजन करने के बाद में भुगतान किया गया । उस समय एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने इस पूरे मामले की जांच के निर्देश भी दिए थे । लेकिन लगता है समय बीतने के साथ एमएलए के आदेश और निर्देश भी बीते समय की बात हो चुके हैं । यदि इसी प्रकार से आने वाले समय में सीएम खट्टर की घोषणा के मुताबिक हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में एक बार फिर से पौधारोपण का खेल खेला गया तो इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं कि एक बार फिर से पौधारोपण की आड़ में भ्रष्टाचार का खेल खेलने में महारथी कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। 

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