बहरोड पुलिस लॉकअप में सुरक्षित नहीं रख सकती आरोपियों को

गैंगस्टर पपला गुर्जर के बाद एक और आरोपी फरार।

भारत सारथी/ कौशिक

बहरोड़/ नारनौल । कुख्यात गैंगेस्टर पपला गुर्जर को उसके साथी करीब 2 साल पहले बदमाश बहरोड़ थाने का लॉकअप तोड़ गोलियां बरसाते हुए भगा ले गए थे। उस घटना के बाद बहरोड़ पुलिस की खूब किरकरी हुई। दो साल बाद अब उसी थाने से रविवार दोपहर को पुलिस के कब्जे से एक युवक फरार हो गया। जो हरियाणा से पलवल से महिला को भगाने का आरोपी है। काफी देर तक पुलिस उसके पीछे-पीछे दौड़ती रही, लेकिन वह पुलिस को नहीं मिला। यह मामला रविवार दोपहर का है, लेकिन पुलिस ने पूरे दिन इसे छिपाकर रखा। देर रात को मामला सामने आया है। इसके सीसीटीवी फुटेज सोमवार को सामने आए हैं।

दरअसल, अलवर के बहरोड़ कस्बे में रविवार दोपहर बाद पुलिस ने एक युवक व महिला को संदिग्ध समझ पकड़ा था। दोनों को थाने लेकर आए। थाने के बाहर जैसे ही युवक को पुलिस की गाड़ी से नीचे उरतने को कहा वह भाग गया। फिर पुलिस पीछे-पीछे और महिला को भगा कर लाया युवक आगे-आगे भागता रहा। आखिर पुलिस उसे नहीं पकड़ सकी। बाद में पता चला कि युवक पलवल के राजपुरा गांव से महिला को भगा लाया था। महिला की ढाई साल की बेटी भी है। बहरोड़ पुलिस ने केवल संदिग्ध मानकर ही उनको पकड़ा था।

—–परिजनों ने युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया

उधर, हरियाणा के पलवल थाना क्षेत्र में महिला के ससुराल पक्ष के लोगों ने युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। महिला से पूछताछ के आधार पर बहरोड़ पुलिस ने पलवल थाने को सूचित किया। इसके बाद महिला को उसके परिजन लेने आए। युवक के भाग जाने के बाद महिला ने सब बता दिया कि युवक प्रदीप उसे करीब 8 दिन पहले घर से लेकर आ गया। उसकी ढाई साल की बेटी को भी घर पर छोड़ कर आ गए।

युवक नहीं मिला, महिला को भेजा—-

युवक के भाग जाने के बाद पुलिस ने कॉलोनियों में उसका पीछा किया। वह नहीं मिल सका। हालांकि बाद में पुलिस ने महिला को उसके परिजनों को सौंप दिया। इस मामले में वहीं के थाने में मुकदमा दर्ज है। अब वहां की पुलिस मामले की जांच कर आगे कार्रवाई करेगी। बहरोड़ पुलिस के कब्जे से युवक का यूं भाग जाने पर सवाल खड़े होना लाजिमी है। असल में गत 6 सितम्बर 2019 को पपला उर्फ विक्रम गुर्जर को बदमाश इसी थाने से भगा कर ले गए थे। उसके बाद पुलिस को 250 से अधिक जगहों पर छापेमारी करनी पड़ी थी। करोड़ों रुपया भी खर्च करना पड़ा था। इसके बावजूद भी पुलिस की सुस्ती पर सवाल खड़े होने लाजिमी हैं।

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