भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल 3 जून। महेंद्रगढ़ जिले का अधिकांश हिस्सा डार्क जोन में शामिल है तथा क्षेत्र में गिरते हुए जल स्तर को रोकना एवं उसमें सुधार करना क्षेत्र के लिए एक गंभीर चुनौती है। पिछले कुछ सालों से नहरी पानी की व्यवस्था में सुधार के के बाद भी महेंद्रगढ़ जिले की कई नहर ऐसी हैं जहां वर्षा ऋतु के अतिरिक्त टेल पर पानी नहीं पहुंच पा रहा। नांगल चौधरी, महेंद्रगढ़ एवं अटेली विधानसभा में आज भी कई नहरों की टेल पानी से वंचित है। नांगल चौधरी का समस्त पहाड़ी क्षेत्र एवं लगभग आधा हिस्सा नहरी पानी से वंचित है। इस क्षेत्र की उम्मीद केवल बरसात के पानी से है जब बरसात का पानी नदियों एवं जोहड़ों में भरा जाता है तो जलस्तर में सुधार हुआ है। आगामी वर्षा ऋतु में नहरों में अधिक पानी लाने के लिए नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव ने सिंचाई विभाग के शीर्ष अधिकारियों से इस विषय में विस्तृत वार्ता की है।

प्रेस को जानकारी देते हुए डा. यादव ने कहा कि इस बार वर्षा ऋतु से पहले दो बातों पर विशेष बल दिया गया है। जवाहरलाल नेहरू फीडर से निकलने वाली महेंद्रगढ़ कनाल, जेएलएन कनाल एवं लोहारू कनाल, तीनों नहरों में पारदर्शी तरीके से पानी के वितरण के लिए उन्होंने अधिकारियों से विशेष आग्रह किया है। वर्तमान में जेएफ 2 पम्प हाऊस में सम्बंधित नहर के लिए चल रहे पम्पों की  क्षमता से पानी  को मापा जाता है परन्तु इसमें खामी यह पाई गई है कि कोई भी पम्प पूरी क्षमता से पानी नहीं उठाता। अतः पम्पों की गणना से जितना पानी दिखाया जाता है उस मात्रा में पानी वास्तव में नहर में नहीं आता। अतः डॉक्टर यादव ने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता को इस बात पर सहमत किया है कि तीनों नहरों में पानी को उचित मशीन द्वारा प्रतिदिन समय-समय पर नापा जाए ताकि वास्तव में जितना पानी आ रहा है वही रिकॉर्ड में दर्ज हो और तीनों नहरों में ही हिस्से अनुसार पूरा पानी जाए। इससे विभाग के काम में पारदर्शिता भी आएगी एवं लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। विभाग के अधिकारियों ने इस पर अपनी सहमति दी है और अगली पानी की बारी में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।

इसके अतिरिक्त डॉ यादव ने अधिकारियों से कहा कि महेंद्रगढ़, भिवानी एवं रेवाड़ी तीनों जिले ही ऐसे हैं जहां बरसात की ऋतु में भी पर्याप्त पानी भूमि रिचार्जिंग के लिए उपलब्ध नहीं होता। अतः जब प्रदेश के अन्य जिलों में वर्षा के पानी की बहुतायत होती है तो यमुना से अधिक से अधिक पानी उठाकर लगातार क्षेत्र तक पहुंचाया जाए ताकि यहां की नदियों एवं जोहड़ों में पानी भरकर क्षेत्र के अधिकतम भाग के भूमिगत जल  में सुधार किया जा सके। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि अधिकतम पानी लाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। डॉ यादव ने जेएलएन फीडर के जीर्णोद्धार के लिए ढाई सौ करोड रुपए की राशि स्वीकृत करने और उस उस पर काम प्रारंभ करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री एवं विभाग के सभी अधिकारियों का धन्यवाद किया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी  भाजपा सरकार आने के उपरान्त क्षेत्र में जल व्यवस्था में लगातार सुधार के लिए बधाई के पात्र हैं।

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