बिजली एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री श्री रणजीत सिंह चौटाला ने पंचकूला-गुरुग्राम को रोलमॉडल के तौर पर प्रस्तुत कर इनवर्टर मुक्त जिले बनाने के निर्देश बिजली विभाग के मुख्य सचिव श्री पीके दास को फतेहाबाद-सिरसा सर्कल मीटिंग में दिए ताकि सफलता प्राप्त होने पर इस योजना से पूरे प्रदेश को लाभांवित किया जा सके !

श्री चौटाला ने कृषकों को वितरित किए जाने वाले कनेक्शनों में तीव्रता लाने की बाते भी कही और तमाम दुश्वारियों को शीघ्रता से दूर करने वाले विचार रखे – अब सवाल यह उठता है कि जिन मंत्री महोदय ने पिछले बयान में कहा था कि प्रदेशवासियों को तीन जून तक बिल जमा करने की छूट वाली बात बिजली वितरण नियम द्वारा मान ली गई है अर्थात जिनके प्रार्थना करने पर महज तीन जून तक की ही समय सीमा विभाग द्वारा दी गई है तो क्या उक्त मंत्री जी के निर्देशों का पालन ठीक उसी तरह कर पाएगा निगम जिस प्रकार के बयान ऊर्जामंत्री जी के द्वारा दिए गए हैं ?

इंडस्ट्री हब कहे जाने वाले शहर गुरुग्राम की बात करें तो उसके औद्योगिक क्षेत्र को ही पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं दे पा रही है सरकार , उन्हें बड़े-बड़े जनरेटरों का सहारा लेकर अपने कारखाने चलाने पड़ रहे हैं वह भी उस स्तिथि में जब्कि प्रदूषण के स्तर में प्रतिदिन गिरावट इसी क्षेत्र की दर्ज की जा रही है तो और विश्व के प्रदूषण नियंत्रण वाले मापदंडों पर गुरुग्राम का ग्राफ आए दिन निम्नस्तरीय होता जा रहा है उस स्तिथि में ?

आपको चाहिएँ था और प्राथमिकता में भी होना चाहिए था कि सर्वप्रथम प्रदूषणमुक्त उद्योगिक क्षेत्र का निर्माण किया जाए जिससे हवा में फैले प्रदूषित कणों से लोगों में पेश आ रही सांस लेने की तकलीफों से उन्हें राहत मिलती और स्वस्थ वातावरण में लोग सांस सम्बंधित रोगों से मुक्ति पाकर हॉस्पिटलों के चक्कर काटने तथा अपनी जमा पूंजी से हाथ धोने अर्थात उनके हाथों लूटने से बच सकते और स्वास्थ्य विभाग की सरदर्दी भी कम होती अर्थात स्वच्छ वातावरण का निर्माण आप कर पाते मगर आपको तो शायद लत पड़ चुकी है भाजपा को समर्थन देने के बाद से ही जुमलेबाजी की ,उनकी तर्ज पर झूठ बोलने की – सवाल फिर वही कि यदि आप भिन्न मत रखते हैं तो अपने उद्घोषों को कितने समय में पूर्ण कर पाएंगे ?

बात करते हैं आपके इन्वर्टरमुक्त जिले बनाने की तो आपके अक्षय धन संचयन विभाग की जिसके अनर्गल बिलों की मार गुरुग्राम वासियों को आज भी झेलनी पड़ रही है वह भी 20 यूनिट खर्च कर 200 यूनिट का बिल अदा करके , जरा से मौसम के बदलाव में तेज हवाओं के आरंभिक दौर में ही बिजली का चले जाना और घँटों कॉल करने के बाद लाइनमैनों का फोन उठाकर जवाब आना के साहब एक घँटे बाद ही सेवाएं शुरू हो पाएंगी – कहने का तातपर्य है कि तेज हवाओं और तूफान तथा बारिश क्या हल्की बूंदा-बांदी के घँटों बाद बिजली आ पाती है , कारण जानते हैं क्या है – रुचि व संज्ञान नहीं लेना आजतल्क विभाग के किसी मंत्री तथा अधिकारी द्वारा , वही खुली तारे ,खुर्द-बुर्द जोड़ और खस्ताहाल ट्रांसफार्मर ,टूटे हुए पोल और विक्षिप्त तारें , लाइन मैन व जेई की लापरवाही व एसडीओ समेत वरिष्ठ अधिकारियों का संज्ञान न लेना , उपभोक्ताओं की शिकायतों को तरजीह न देकर खुले भृस्टाचार को पनपने देना – मंत्री जी आप यह सब दुविधाएं जो आमजन की है उन्हें ही दूर कर पाए तो आपके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में शुमार होगी अन्यथा आमजन के संग हमारी भी धारणा यही बनी रहेगी कि आप भी हुए जुमलेबाज ।।

बकौल तरविंदर सैनी (माईकल ) समाजसेवी गुरुग्राम के अनुसार यह सब आप अपने पद-प्रतिष्ठा को बचाए रखने के लिए कर रहे हैं और आपके यह सभी बयान फिजूल हैं इनसे न किसान का , न उद्योगों का और न आमजन के जीवन में बदलाव आने वाला है और ना ही बिजली विभाग के अनर्गल बिलों से मुक्ति मिलने वाली है , नागरिकों को तो जेबें कटाती आए हैं और कटानी ही पड़ती रहेंगी जबतल्क यह मूल सुधार इन व्यवस्थाओं में नहीं किए जाते हैं तबतलक ।।

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