गुडग़ांव, 31 मई (अशोक): कोरोना महामारी से लोगों को निजात दिलाने के लिए लॉकडाउन लगा है। कोरोना काल में कुछ असामाजिक तत्व ऐसे भी हैं जो पक्षियों का वध करने में भी पीछे नहीं हैं। ये असामाजिक तत्व दुर्लभ प्रजाति के उल्लू व कबूतर आदि का शिकार करते हैं। ऐसा ही एक मामला नाथूपुर क्षेत्र में प्रकाश में आया है।

वाईल्ड लाईफ टीम ने भाईचारा गु्रप की शिकायत पर 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया है और उनके कब्जे से एक उल्लू व एक कबूतर भी बरामद किया गया है। भाईचारा गु्रप के प्रधान भोला गुर्जर का कहना है कि उनके सहयोगी कोरोना काल में समाजसेवा में जुटे हैं। उन्हें पिछले कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि कुछ असामाजिक तत्व अरावली की पहाडिय़ों में पक्षियों का शिकार करते हैं, जिस पर गु्रप के सदस्यों ने पहाड़ी पर नजर रखनी शुरु कर दी। गत दिवस जैसे ही 5 युवक पहाड़ी पर पक्षियों का शिकार करने के लिए पहुंचे तो गु्रप के सदस्यों ने इन युवकों को काबू कर इसकी सूचना वाईल्ड लाईफ अधिकारियों को दे दी। सूचना मिलते ही अधिकारी संदीप अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और काबू किए गए दोनों युवकों को उनके हवाले कर दिया गया।

अधिकारी का कहना है कि काबू किए गए दोनों आरोपी झारखंड मूल के हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि अरावली की पहाडिय़ों में पक्षियों के शिकार करने का यह कोई पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले भी इस प्रकार के मामले सामने आते रहे
हैं। वाईल्ड लाईफ भी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करता रहा है, लेकिन इस सबके बावजूद भी अरावली की पहाडिय़ों में पक्षियों का संहार बंद होने का नाम नहीं ले रहा।

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