राज्यमंत्री कमलेश ढांडा  महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी मंजूरी, टेस्ट, ट्रेकिंग एंड ट्रीटमेंट अभियान में अहम जिम्मेदारी निभा रही हैं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं

चंडीगढ़, 28 मई- महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर जान जोखिम में डालकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही प्रदेश भर की हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को एक्सग्रेसिया के तहत 20 लाख रुपए कवर के दायरे में लाया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिससे फ्रंटलाईन वर्कर के तौर पर यदि किसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अथवा सहायिका की जान चली जाती है, तो उनके परिजनों को 20 लाख रुपए की राशि दी जाएगी।         

राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने जारी बयान में बताया कि कोरोना संक्रमण पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों में प्रदेश के सभी 25 हजार 962 आंगनवाड़ी केंद्रों के 50 हजार से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिकाएं अपना योगदान दे रही हैं। टेस्ट, ट्रेकिंग एंड ट्रीटमेंट अभियान में घर-घर पहुंच रही इन कार्यकर्ताओं द्वारा नौनिहालों, किशोरियों, दूध पिलाने वाली माताओं तथा गर्भवती महिलाओं को भी पोषक आहार वितरण करने का काम भी पूरी गंभीरता से किया जा रहा है। ऐसे में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इन कार्यकर्ताओं को एक्सग्रेसिया के तहत कोरोना ड्यूटी के दौरान निधन होने की स्थिति राशि देने संबंधी प्रस्ताव भेजा गया था।         

राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विभागीय प्रस्ताव को गम्भीरता से लेते हुए अग्रिम मोर्चे पर जिम्मेदारी निभा रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा आंगनवाड़ी सहायिकाओं को निधन होने की स्थिति में 20 लाख रुपए एक्सग्रेसिया के तहत राशि देने को मंजूरी दी है, जो पहले 10 लाख रुपए थी।

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