रेवाड़ी, 28 मई 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस द्वारा फर्जी टूलकिट मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ कांग्रेस की शिकायत व रामदेव के खिलाफ आईएमए की शिकायत पर अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं करके खुद ही साबित किया दिल्ली पुलिस अपना पेशेवर पुलिस का कानूनी दायित्व छोडक़र संघी होता बन चुकी है1             

विद्रोही ने कहा कि राजनीतिक मामलों में दिल्ली पुलिस का कानून, संविधान के अनुसार काम करने की बजाय संघी कठपुतली बनकर काम करने से देश-दुनिया की नजरों में दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता, पेशावर आचरण पूर्णतया समाप्त हो चुका1 अब दिल्ली पुलिस लोगों की नजरों में संघी कठपुतली पुलिस बन चुकी1 भाजपा द्वारा फर्जी टूल किट बनाकर कांग्रेस को बदनाम करने की कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर  दिल्ली पुलिस ने नियमानुसार एफ आई आर दर्ज करने की बजाय संघी नेताओं व मोदी सरकार के मंत्रियों के खिलाफ जालसाजी आरोपों की जांच करके उन्हें दंडित करने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी जी व गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर ट्विटर के दिल्ली, गुरुग्राम कार्यालय पर छापामारी करके अप्रत्यक्ष रूप से सोशल मीडिया मंचों को संकेत दिया कि क्या तो वे संघी लाइन टो करें अन्यथा पुलिस दमन का सामना करने के लिए तैयार रहें1           

 विद्रोही ने कहा इसी तरह से योग व्यापारी रामदेव ने जिस तरह एलिपैथ वह डाक्टरों का सार्वजनिक मजाक उड़ाकर उनके खिलाफ निंदा अभियान चलाया और एलोपैथी चिकित्सा को अविश्वसनीय बताकर लोगों में अविश्वास पैदा किया उसके खिलाफ आईएमए की शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस ने अभी तक रामदेव के खिलाफ एफ आई आर दर्ज न करके साबित किया संघी समर्थक-भक्त दिल्ली पुलिस की नजरों में कानून, संविधान से ऊपर है1 ऊपर से तुर्रा यह रामदेव खुलेआम देश की व्यवस्था, संविधान को खुली चुनौती देकर कहा रहे किसी के बाप में दम नहीं जो मुझे गिरफ्तार कर सके1 रामदेव का खुला ऐलान बताता है एलोपैथिक चिकित्सा व डॉक्टरों के खिलाफ वे जो बयानबाजी कर रहे हैं वह प्रधानमंत्री मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर ही कर रहे हैं1 यही कारण है कि दिल्ली पुलिस न तो फर्जी टूलकिट मामले में कांग्रेस की शिकायत पर एफ आई आर दर्ज की और न हीं आईएमए की शिकायत पर रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की1             

 विद्रोही ने आरोप लगाया दिल्ली पुलिस का यह रवैया बताता है कि मोदी सरकार धीरे-धीरे लोकतंत्र, संविधान, कानून के राज की बजाय संघी फ़ासिज़्म की तरफ देश को धकेल रही है1 यदि आमजनों ने इस गंभीर खतरे को पहचानकर इसका जोरदार विरोध नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं होगा जब भारत में लोकतंत्र व संविधान की जगह पूर्णतया संघी फासिज्म लाद दिया जाएगा1

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