प्रधानमंत्री से अपील – अपने अहं का त्याग कर किसानों की मांगों को माने. प्रधानमंत्री को अपने राजधर्म का पालन करते हुए तीनों काले कृषि कानूनों को खत्म कर देना चाहिए: अभय सिंह चौटाला. बद से बदतर हो गए हैं देश के हालात. अन्नदाता देश की रीढ है, जो देश को बचा सकता है

चंडीगढ़, 26 मई: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को अपने आवास तेजा खेड़ा फार्म पर काला झंडा फहरा कर संयुक्त किसान संघर्ष समिति द्वारा घोषित काला दिवस मनाया। इनेलो के चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय समेत पूरे प्रदेश में सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने विरोधस्वरूप अपने आवास एवं दफ्तर पर काला झंडा फहराया।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से एक बार फिर अपील करते हुए कहा कि वो अपने अहं का त्याग कर केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन काले कृषि कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांगो को मान ले। आज देश कोरोना महामारी जैसी भयंकर विपदा से जूझ रहा है। लोगों के इलाज के लिए स्वस्थ सुविधाओं का अकाल है जिस कारण से मौतों का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते जनता में भय का माहौल है। देश के हालात बद से बदतर हो गए हैं। देश आज वितिय संकट से गुजर रहा है, छोटे उद्योग बंद हो गए हैं, बेरोजगारी और महंगाई अपने चरम पर है। ऐसे में अन्नदाता ही एक ऐसी उम्मीद है जो देश को बचा सकता है। अन्नदाता घर-बार और खेत छोडक़र केंद्र की भाजपा सरकार के गलत फैसलों की वजह से दिल्ली के टीकरी, सिंघु और यूपी के गाजीपुर बार्डर पर आंदोलन करने पर मजबूर है। किसान हमारे देश की रीढ है जो दिन रात मेहनत करके पुरे देश के लोगों का पेट भरता है इसलिए अन्नदाता की अनदेखी किसी भी तरह से ठीक नहीं है। उन्होनें कहा कि अभी भी समय है जब देश के प्रधानमंत्री को अपने राजधर्म का पालन करते हुए तीनों काले कृषि कानूनों को खत्म कर देना चाहिए ताकि किसानों को कोरोना महामारी से बचाया जा सके और किसान आंदोलन समाप्त कर खुशी-खुशी अपन घरों को लौट सकें।

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