चंडीगढ़, 26 मई- हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) द्वारा की जाने वाली दुकानों/भूखंडों की नीलामी अब हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया की तर्ज पर की जाएगी। कृषि विपणन बोर्ड का नई प्रक्रिया से न केवल राजस्व बढ़ेगा बल्कि नीलामी प्रक्रिया में भी और अधिक पारदर्शिता आएगी।

यह निर्णय आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को विपणन नीति तैयार करने के निर्देश दिए ताकि राज्य में बनने वाली नई मंडियों में दुकानों का आवंटन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया जा सके।

उन्होंने कहा कि दुकान मालिकों और अन्य लोगों के लिए विशेष रूप से ‘विवादों का समाधान’ की तर्ज पर एक नया कार्यक्रम चलाया जाए ताकि वर्षों से लंबित शिकायतों का प्राथमिकता से निदान किया जा सके।

हरियाणा में कुछ मंडियों व खरीद केंद्रों में भीड़भाड़ की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सभी मंडियों व खरीद केन्द्रों की मैपिंग की जाए और जहां कहीं भीड़भाड़ की समस्या हो वहां नये यार्ड, सब-यार्ड या खरीद केंद्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों के किसान जो हरियाणा में अपनी फसल बेचने के इच्छुक हैं, उनके लिए सीमावर्ती जिलों में भारतीय खाद्य निगम की अनुमति से विशेष खरीद केंद्र स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाया जाए। इन खरीद केंद्रों में सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी पर फसलों की खरीद की जाएगी।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि 1 अप्रैल, 2021 को एचएसएएमबी ने ‘विवादों से समाधान’ नाम से एक अनूठी योजना शुरू की थी, ताकि उन आवंटियों, जो अपनी किश्तों व एक्सटेंशन फीस का भुगतान करने में विफल रहे हों और निर्धारित अवधि में दुकान/बूथ का निर्माण नहीं करवा पाए हों, को अंतिम अवसर दिया जा सके।

योजना की मुख्य विशेषताओं में बकाया ब्याज राशि का 40 प्रतिशत माफ किया जाना, बकाया राशि पर दंडात्मक ब्याज को पूरी तरह से माफ किया जाना, बहुत ही कम एक्सटेंशन फीस के साथ दुकानों/ बूथों के निर्माण हेतु एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया जाना और लंबित कम्प्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने का अवसर दिया जाना शामिल है। बैठक में बताया गया कि ‘विवादों से समाधान’ के तहत अधिकतम राशि की वसूली के लिए समर्पित प्रयास किए जाएंगे।

संसाधन जुटाने के लिए एचएसएएमबी द्वारा अपनाई गई रणनीतियों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि तेल मिल, कपास और चावल विक्रेता का नियमित निरीक्षण किया गया है, जिसमें इस वित्तीय वर्ष के दौरान बाजार शुल्क और एचआरडीएफ के रूप में 2.73 करोड़ रुपये की चोरी का पता चला। भविष्य में भी इस प्रकार की जांच जारी रहेगी।

इसके अलावा, फलों और सब्जियों की सही आवक का पता लगाने के लिए सब्जी मंडियों का औचक निरीक्षण किया गया और फलों और सब्जियों की वास्तविक आवक पर 50 प्रतिशत तक का अंतर देखने को मिला। साथ ही, राज्य में फल एवं सब्जी मंडियों की रिकॉर्डिंग व लक्ष्य वास्तविक आधार पर निर्धारित किया गया है।

बैठक में बताया गया कि अतिरिक्त भूमि और भवनों की पहचान कर ली गई है तथा सलाहकार द्वारा इस संदर्भ में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है। इन संपत्तियों को खुली नीलामी के माध्यम से बेचने के प्रयास किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि एचएसएएमबी गोदामों के निर्माण के लिए हरियाणा राज्य भंडारण निगम (एचएसडब्ल्यूसी) को पट्टे पर अतिरिक्त भूमि देगा और दोनों के मध्य राजस्व का बंटवारा होगा।

बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक श्री विनय सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक श्री हरदीप सिंह और बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ अर्जुन सिंह सैनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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