एक दूसरे के पूरक हैं योग और निरोग

गुरुग्राम- मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्था के योगाचार्य राहुल सिंह चौहान का कहना है कि योग के बिना स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार नहीं किया जा सकता है। अब तो विश्व पटल पर भी योग की मान्यता होने लगी है।लेकिन विडम्बना है कि योग के जनक भारत ने ही इसे बिसरा दिया। श्री चौहान सेक्टर 12 में चल रही ऑनलाइन योग कक्षा में बोल रहे थे। यहां योग भारती के तत्वावधान में 23 अप्रैल से योग कक्षा का आयोजन किया जा रहा है।

योग भारती के योग शिक्षक अक्षय आनंद ने बताया कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ऑनलाइन योग प्रशिक्षण का आयोजन शुरू किया गया है ताकि इस बदलते परिवेश में लोग घरों में रहकर ही इसकी सुविधा ले सके। इसके सार्थक परिणाम भी मिल रहे है। अनेक लोग कोरोना के शुरुआती लक्षण में ही कोरोना को मात देने में सफल हुए है। यहां प्रतिदिन सुबह शाम सूक्ष्म व्यायाम, स्थूल व्यायाम,आसान, प्राणायाम, ध्यान, भजन व देश भक्ति गीतों  से सकारात्मकता का संदेश दिया जाता है। योग कक्षा को और अधिक गति देने के लिए दिल्ली स्थित मोरारजी देशाई राष्ट्रीय योग संस्था के प्रशिक्षक को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था।

योगाचार्य राहुल सिंह चौहान ने घरों में योग कर रहे लोगों को योग की बारीकियां बताते हुए कहा कि योग और निरोग एक दूसरे के पूरक है। नियमित योग-प्राणायाम स्वस्थ जीवन की गारंटी है। योग साधना भारत की प्राचीन पद्यति है। योग जहां शरीर को स्वस्थ रखता है वहीं मन को अवसाद से भी दूर रखता है। विशेषकर कोरोनकाल में योग बहुत ही सार्थक साबित हो रहा है।योग इम्युनिटी पावर बढ़ाता है। पुराने समय में लोग स्वस्थ दीर्घायु जीवन जीते थे, उनका मूल कारण योग साधना व ग्रामीण परिवेश ही था। उस समय के लोग प्रकृति के साथ जीते थे। अब दुनियां भारत की योग शक्ति को मानने लगी है। 177 से अधिक देश योग को अपना रहें है। भारत में अब पुनः योग की और लोगों का रुझान बढ़ रहा है। इसका बडा उदाहरण है आपकीं ये ऑनलाइन योग कक्षा। जिसमे सेंकडो लोग प्रतिदिन जुड़ रहें है।

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