गुरुग्राम 23 मई। आयुष विभाग द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए शुरू किया गया योगा सैषन उनके लिए संजीवनी का काम कर रहा है। इस योग सत्र के माध्यम से ना केवल लोगों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है बल्कि अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हुए स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं।

जिला प्रशासन की इस पहल को सोशल मीडिया पर भी काफी सराहा जा रहा है । लोग निरंतर जिला प्रशासन का आभार करते नजर आ रहे हैं। इस दौरान लोगों को इम्युनिटी बढ़ाने संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी भी दी जा रही है। लोग अपने स्वास्थ्य संबंधी संशयों को भी योग सत्र में दूर करते हैं। इस दौरान लोगों को कोरोना संक्रमण को लेकर आयुर्वेदिक उपचार के बारे में भी जानकारी दी जाती है। योग प्रशिक्षक द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों को मानसिक तौर पर भी मजबूत बनाया जाता है ताकि वे इस महामारी का डटकर सामना कर सके और नकारात्मकता से दूर रह सके।

उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया कि जिला आयुष विभाग ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे का योग सैशन वर्चुअल माध्यम से करवाया जाता है। इस दौरान होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को उन योग क्रियाओं की जानकारी दी जाती है जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े तथा वे जल्दी इस बीमारी से रिकवर कर पाएं। इस वर्चुअल योग सैशन का लाभ लेने के लिए लोग जूम आईडी-89590657048 तथा पासवर्ड -538736 के माध्यम से जुड़ सकते हैं।

यह वर्चुअल योग सैशन प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे के लिए योग प्रशिक्षक डा. भूदेव द्वारा करवाया जाता है। इस दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए उपयोगी योग आसन करने की विधि बताई जाती है और उन्हें आसन करके भी दिखाए जाते हैं। जिला आयुष अधिकारी डा. मंजू बांगड़ ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास संबंधी आसन बीमार व्यक्ति के लिए संजीवनी बूटी के समान हैं जो बीमारियों को ठीक करने के साथ साथ हमारे जीवन को तनावमुक्त बनाता है। इनका चयन सभी व्यक्तियों के लिए अलग-अलग हो सकता है। उन्होंने बताया कि आज पूरा देश कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है। यदि लोग नियमित दो आसन -‘उष्टरासन‘ और ‘मरकट‘ आसन करें या कुछ फेफड़ों व पेट से जुड़े आसन जैसे- ‘उत्थान मंडूक‘ आसन तथा प्राणायाम में 5 मिनट कपालभाति करें तो वे स्वयं को निरोग बना सकते हंै।

योगाचार्य डा. भूदेव का कहना है कि हर व्यक्ति को उज्जाई प्राणायाम कम से कम दो मिनट जरूर करना चाहिए। इससे व्यक्ति को बुखार नही आएगा। उज्जाई प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे बुखार आने की सम्भावना कम हो जाएगी । बुखार नही आना इस कोरोना काल में व्यक्ति के लिए बहुत राहत की बात है। उज्जाई प्राणायाम व उत्थानमडूक आसन फेफड़ों के लिए काफी लाभदायक है और इनसे शरीर में आॅक्सीजन लेवल भी संतुलित रहता है। इन आसनों में गले से सांसों को खींचते हुए थोड़ी थोड़ी आवाज निकालनी होती है। यदि 10- 10 मिनट के दो क्रम अनुलोम-विलोम व प्राणायाम करेंगें तो निश्चित ही व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ रख सकता है। प्राणायाम व्यक्ति के शरीर व मन में बेहतर तालमेल बिठाता है। पेट व फेफडों की क्रियाएं ठीक होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। यह योग नियमित तौर पर करना अत्यंत लाभकारी है। यदि नाक के रोगों से परेशान व्यक्ति नेति और प्राणायाम करें। इससे व्यक्ति को जल्द ही स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

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