राव राजा ने विरोधियों के लिए खतरे का सायरन बजाकर विरोधी खेमे में मचाई हलचल अशोक कुमार कौशिक नारनौल : राजनीति की शतरंज की बिसात पर अपने पासे कुशलता से चलने में माहिर राव राजा इंद्रजीत सिंह ने इंसाफ मंच को एक बार फिर से सक्रिय करके भाजपा के साथ विरोधीयो को भी हैरत में डाल दिया है। राजनीति में उचित अवसर पर सटीक चाल चलकर “रुतबा” दिखाना “रामपुरा हाउस” की परिपाटी रही है।अहीर राजा राव बिरेंदर सिंह के “पदचिन्हों” का अनुसरण कर विरोधियों को वक्त आने पर “रुतबा” दिखाना राव राजा इंद्रजीत सिंह की “फितरत “रही है। उन्होंने कोसली हल्के के लोगों के लिए शुक्रवार को “इंसाफ मंच” की ओर से एंबुलेंस दिए जाने की घोषणा करने के साथ ही अपने राजनीतिक विरोधियों को जोर का झटका धीरे से देने का काम कर दिया है। यहां महत्वपूर्ण यह नहीं है कि राव ने एंबुलेंस देने की घोषणा की है। महत्वपूर्ण यह है कि केंद्र में मंत्री और भाजपा सांसद होने के बावजूद यह एंबुलेंस उस इंसाफ मंच के माध्यम से देने की घोषणा की गई है, जिसकी जन्मदाता कांग्रेस मानी जा सकती है। इंसाफ मंच की इस एंबुलेंस काशी का सीधा इशारा यह समझा जा सकता है कि राव के पास इंसाफ मंच का विकल्प खुला है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में कांग्रेस में राव इंद्रजीत सिंह की जमकर उपेक्षा हुई थी। इसी उपेक्षा के चलते वर्ष 2014 के आम चुनावों से पहले राव इंद्रजीत सिंह ने पहले कांग्रेस की राजनीति को अलविदा किया और फिर कांग्रेस को। कांग्रेस को अलविदा करने से पहले ही राव ने न सिर्फ इंसाफ मंच का गठन किया, बल्कि गुरुग्राम से लेकर नारनौल व नांगल चौधरी तक इसके पदाधिकारी भी बनाए गए। मोदी लहर के चलते राव का भाजपा में शामिल होना जरूरी हो गया। पार्टी हाईकमान के लेवल पर राव की चुनाव के समय तूती बोलती रही है, लेकिन पिछले कुछ समय से प्रदेश स्तर पर उन्हें उपेक्षा का शिकार बनाया जा रहा है। हाल ही में भाजपा के प्रदेश संगठन का विस्तार करते समय राव समर्थकों को अहीरवाल क्षेत्र में खाली हाथ रखा गया है, जबकि उनके विरोधियों को जमकर तवज्जो दी गई है। इसके बावजूद राव ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अब एंबुलेंस के बहाने इंसाफ मंच को आगे लाकर राव ने यह संकेत दिए हैं कि अपने समर्थकों को सम्मान दिलाने के लिए उन्होंने इंसाफ मंच का विकल्प बंद नहीं किया है। देखना यह होगा कि राव कि आने वाले समय में कैसी रणनीति होगी। क्या राव राजा ने फिर से संकेत दे दिया है कि जैसे कांग्रेसी ने उनकी उपेक्षा की और उन्होंने कांग्रेस को बाय बाय कह दिया था। इसी तर्ज पर भाजपा द्वारा उपेक्षा करने पर बाय बाय कहने का संकेत दे दिया है। Post navigation राजीव गांधी थे कंप्यूटर क्रांति के जनक: राव दानसिंह दुकान में सेंधमारी कर चोरी करने वाला आरोपी गिरफ्तार