कहा हरियाणा राज्य महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन कमलेश पांचाल ने

• बोलीं – राष्ट्रीय व राज्य महिला आयोग स्वायत्त निकाय है फिर भी असफल व संवेदनहीन हो चुकी हैं। • कहा – मरहम लगाने की बजाय बार-बार उन्हें कुरेदने का कार्य कर रही है सरकार • पूर्व चेयरपर्सन बोली – किसानों के लिए समाधान निकालने के बजाय टकराव पैदा करना सरकार की नीति व नियत • कहा – जो उद्घाटन वर्चुअल हो सकते हैं, वहां भीड़ जुटा कर कोविड प्रोटोकॉल का किया उल्लंघन क्यों! • पूर्व चेयरपर्सन ने बिगड़ते हुई स्वास्थ्य सुविधाएं व कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा। • कहा – क्या हिसार की घटना के बाद मुख्यमंत्री खट्टर को नींद आयी, कहीं से कोई भावुकता का कोई बयान आया!

चंडीगढ़, 17 मई। हिसार में सरकार की नाकामी से पुलिस द्वारा किए गए बर्बरता पूर्ण गोलीबारी में लाठीचार्ज की घटना को लेकर हरियाणा राज्य महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश पांचाल ने भाजपा जजपा की सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि आज की इस वैश्विक महामारी के दूसरे दौर में भी भाजपा-जजपा की सरकार घटिया व निचलेस्तर की राजनीति करने को मजबूर है। 

पूर्व चेयरपर्सन ने कहा कि हद तो तब हुई जब पुलिस द्वारा माताओं – बहनों पर भी बहुत ही बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोले छोड़े गए, जो कि बेहद शर्मशार है। उन्होंने कहा मन को पीड़ा होती है यह देखकर जब राष्ट्रीय महिला आयोग व राज्य महिला आयोग स्वायत्त निकाय होते हुए भी असफल व संवेदनहीन हो चुका है, जोकि लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक व चिंताजनक विषय है। 
पूर्व चेयरपर्सन ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर से पूछना चाहती हूँ कि क्या कल वो भावुक हुए या वे केवल घड़याली आंसू ही बहाना जानते है। जब विधानसभा की एक घटना पर तो उनके घड़याली आँसू निकल गए, 8 मार्च को रात्रि उन्हें नींद नहीं आयी और जो कल महिलाओं के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार हुआ पुलिस द्वारा लाठियों से लहूलुहान कर दिया गया तो क्या कल गुरुग्राम के आलीशान 5 सितारा रेस्ट हाउस में उन्हें नींद आयी, भावुक हुए, चिंता व्यक्त की? ये बड़ा प्रश्न है!

पांचाल ने कहा कि किसान कमेरे की कमर पर पड़ी एक-एक लाठी का जवाब सरकार को देना पड़ेगा। किसान अपनी सन्तानों उनके भविष्य को बचाने के लिए ही दिल्ली बॉर्डर व अन्य धरना स्थलों पर बैठा हुआ है। अन्नदाता अपनी आखिरी सांस तक मुकाबला करेगा। सीएम खट्टर हताशा में अपनी असफलता छुपाने के लिए किसानों की आड़ लेकर प्रदेश में दंगें करा रहें हैं, क्योंकि वो व्यावसायिक घरानों की प्रतिबद्धता की ज़िद्द की बजाय देश की जनता की चिंता करते तो आज किसान आंदोलन की मांगो को मानकर देश में शांति और विश्वास का भाव पैदा हो चुका होता।

पांचाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। जिस प्रकार से आक्सीजन, दवाइयों और वेंटिलेटर के अभाव में मरीज दम तोड रहें हैं उससे परिस्थितियां और भी भयावह हो गई है। इस त्रासदी का शब्दों में उल्लेख नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शुरू से ही सरकार कि नीति समाज विरोधी है, कानून व्यवस्था चरमराई हुई है परंतु खट्टर सरकार इवेंट व उद्घाटनों का उत्सव मना रही है। कम्पनियाँ सीएसआर फंड के माध्यम से समाज के लिए मदद कर रहीं हैं परंतु वाहवाही लूटने के चक्कर में खट्टर साहब फीता काटने के चक्कर में कैंची पकड़कर सबसे आगे खड़े हैं!

पूर्व चेयरपर्सन ने कहा जब 3 मई को लॉकडाउन की घोषणा के समय जारी आदेश के क्रमांक 16 के पार्ट C में लिखा है कि हर तरह के कार्यक्रमों पर पाबंदी रहेगी। जो उद्घाटन वर्चुअल हो सकते हैं, वहां भीड़ जुटा कर कोविड प्रोटोकॉल का किया उल्लंघन क्यों! फिर लॉकडाउन के दौरान 11 लोग शादी व अंत्येष्टि में शामिल होंगे परन्तु सरकार के कार्यक्रम में लगातार 500 लोगों से अधिक भीड़ हो रही है, आखिर इनका जिम्मेदारी कौन है!

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