ना सही सूचनाएं, ना सही योजनाएं, व्यवस्थाएं तो भगवान भरोसे- वशिष्ट कुमार गोयल
प्रशासनिक अधिकारी सही जानकारी देंगे तभी तो सरकार करेगी जनता की सहायतालगातार हो रहे पलायन पर नहीं है किसी को फिकर,हालात ऐसे ही रहे तो गुरुग्राम को लॉकडाउन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी, अपने आप पसरा रहेगा सन्नाटा
गुड़गांव 16 मई – कोविड-19 महामारी के दौरान गुरुग्राम में बढ़ रही समस्याओं को लेकर नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यहां हालात खराब होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि ना सही सूचनाएं, ना ही सही योजनाएं, महामारी के दौर में मिल रही है, जिससे सरकार के मुखिया को मौजूदा हालात की सही खबर ही नहीं है, इसका कारण है कि लगातार शहर में तरह तरह की समस्या बढ़ रही है,
वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के क्या हालात हैं यह सबके सामने है, कोविड-19 के सही आंकड़े क्या है, किस एरिया में कोविड-19 संक्रमण कितना प्रभावित है, इसकी भी स्थिति साफ नहीं है, इसके अलावा गुरुग्राम में 80 प्रतिशत लोग बाहरी हैं, महामारी के दौरान शहर में जो हालात पैदा हुए उसके डर से लोग यहां से लगातार पलायन कर रहे हैं, सबसे ज्यादा पलायन यहां मजदूर तबका कर रहा है, जिसके जाने के बाद से यहां रोजगार को बढ़ाने में सबसे बड़ी समस्या सामने खड़ी होने वाली है, वशिष्ठ कुमार गोयल का आरोप है कि हालात ऐसे ही बने रहे तो गुरुग्राम में लॉकडाउन लगाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी, क्योंकि जब शहर अपने आप ही खाली हो जाएगा तो हम लॉकडाउन आखिर किसके लिए लगाएंगे, वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि प्रशासन को तत्काल प्रभाव से बढ़ते पलायन को रोकने के लिए सही दिशा में कार्य करना चाहिए, यहां रह रहे लोगों को सरकार और प्रशासन को मिलकर विश्वास दिलाना होगा कि आने वाले कुछ समय में स्थिति सामान्य हो जाएगी, नहीं तो लोग इसी तरह पलायन करते ही रहेंगे,
वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि 14 दिन पहले जब हरियाणा में लॉकडाउन लगा उसके बाद लोग इस इंतजार में थे कि शहर में रह रहे लोगों को सरकार और प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलेगा कि रोजगार की शुरुआत यहां कब से होगी, लेकिन सही योजनाएं नहीं होने की वजह से अब तक सरकार और प्रशासन ने मिलकर कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जिससे कि लोगों को विश्वास हो सके की गुरुग्राम में काम धंधों की शुरुआत कब शुरू होगी, रोजगार बंद होने, बाजार बंद होने से लोग प्रभावित हुए जिसका कारण है कि अब लोग गुरुग्राम को छोड़कर अपने शहरों को, अपने प्रदेशों को वापस जा रहे हैं, जो इस शहर के बढ़ते विकास में सबसे बड़ा रुकावट पैदा करने का कारण बनने वाला है।