प्रधानमंत्री मोदी जी तो लोकलाज को ताक पर रखकर अनैतिकता की सभी हदें पार कर चुके हैं : विद्रोही

रेवाड़ी, 15 मई 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया दुनिया भर के लोकतांत्रिक इतिहास में मोदी जी जैसा प्रधानमंत्री नहीं मिलेगा जो लोकलाज को ताक पर रखकर एक ही योजना को बार-बार न केवल भुना रहा है अपितु सत्ता दुरुपयोग से उसी योजना के नाम पर मीडिया में बार-बार चेहरा चमकाने की अनैतिकता भी कर रहा है1          

विद्रोही ने कहा शुक्रवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की आठवीं किस्त जारी करने के नाम पर मोदी जी ने इस पुरानी योजना के नाम पर वाहवाही लूटने खातिर सत्ता दुरुपयोग से मीडिया में अपना चेहरा चमकाया1 प्रधानमंत्री मोदी जी तो लोकलाज को ताक पर रखकर अनैतिकता की सभी हदें पार कर चुके हैं1 लेकिन एक किसान पुत्र व भारत के नागरिक होने के नाते मैं तो बहुत शर्मसार हुआ कि भारत की जनता ने कैसे अनैतिक, फासिस्ट व्यक्ति को जनादेश के माध्यम से प्रधानमंत्री चुना है जो आठ बार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के नाम पर मीडिया में अपना चेहरा चमकाने की बेशर्मी करके सत्ताबल पर वाहवाही लूटने का कुप्रयास कर चुका है1            

 विद्रोही ने मोदी जी से सवाल किया कि एक ही योजना को वे कितनी बार भुनाने की बेशर्मी करेंगे? वहीं किसानों को भी सोचना होगा कही मोदी जी उनको भिखारी समझकर हर बार 2000 रुपए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के नाम पर देकर, उसे भुनाकर उनका मजाक तो नहीं उड़ा रहे हैं? क्या एक योजना को बार-बार भुनाना किसी भी तरह नैतिक व लोकतांत्रिक है? मोदी जी झूठ पर झूठ पेलकर मीडिया में चेहरे चमकाने की सभी हदें पार कर चुके हैं1 भारत के 74 साला प्रजातंत्र इतिहास में अभी तक मोदी जी के अलावा श्रेय लेने का इतना भूखा अन्य कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री नहीं हुआ1 मोदी जी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें न तो खुलेआम महाझूठ बोलने, झूठे आंकड़े देने, जनता को छलने, लोकतांत्रिक, संवैधानिक मूल्यों का हनन करने में जरा भी शर्म नहीं आती1 आज मोदी सरकार ने लोकतंत्र को ताक पर रखकर लोकतंत्र के नाम पर भारत में फ़ासिज़्म लाद दिया जो देश के 138 करोड नागरिकों के लिए बड़ी चिंता का विषय होना चाहिए1              

निजी प्रचार व झूठा श्रेय लेने के लिए लालायित रहने वाले मोदी जी को विद्रोही ने बिना मांगे सलाह दी कि वे हर माह  80 करोड़ नागरिकों को मिलने वाले सस्ते राशन, अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, विधवा, बुजुर्ग, दिव्यांगों को मिलने वाली मासिक पेंशन सहित सभी समाज कल्याण योजनाओं को भी हर माह अलग-अलग इवेंट बनाकर बार-बार श्रेय बटोरकर मीडिया में अपना चेहरा चमकाने की भूख को शांत करने का कुप्रयास करें1 क्योंकि सत्ता से हटने के बाद तो इतिहास मोदी जी को माफ नहीं करने वाला और उन्हें लोकतंत्र के नाम पर जनादेश द्वारा चुनने के बाद भी भारत में लोगों पर फासिज्म लादने वाले एक अनैतिक, फासिस्ट प्रधानमंत्री के रूप में ही याद करेंगा1

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