किसान बोले -बेरोजगारों की फौज खड़ी कर दी सरकार ने

गठबंधन सरकार रोजगार देने की बजाय छीनने पर जुटी है
कितलाना टोल पर धरना 135वें दिन भी रहा जारी, टोल रहा फ्री। किसानों ने की जोरदार नारेबाजी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

8 मई, हरियाणा व केन्द्र सरकार के एजेन्डे से रोजगार शब्द गायब हो चुका है। एक तरफ केन्द्र सरकार ने विभिन्न विभागों में लाखों पद समाप्त करके भर्ती बंद कर दी है वहीं हरियाणा सरकार ने नई भर्ती करने की बजाए पहले भर्ती किए गये हजारों कर्मचारी हटा दिए हैं। यह बात वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने हरियाणा की गठबंधन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 1983 पीटीआई एक साल से बहाली की मांग को लेकर अनशन व धरनों पर बैठे हैं। सरकार उनसे वायदा करके भी टालमटोल कर रही है।                    

उन्होंने कहा कि सरकार ने हस्पतालों में हजारों ठेके पर रखे कर्मचारी हटा दिए हैं जो कर्मचारी पिछले 10 वर्षों से लगातार सेवा कर रहे थे और कोरोना के विरूद्ध लड़ाई में पिछले एक वर्ष से योद्धा के तौर पर काम कर रहे थे। उनके अनुसार गांव में मजदूरों के पास कोई काम नहीं है इसकी बड़ी वजह मनरेगा को ठीक ढंग से लागू नहीं कर पाना है। उन्होंने कहा कि रोजगार हीन अर्थव्यवस्था कभी भी आगे नहीं बढ़ सकती। बेरोजगारों को रोजगार देकर व मजदूरों को काम देकर ही अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।                     

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर धरने के 135वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, किसान सभा के मास्टर शेर सिंह, चौगामा खाप के मीरसिंह निमड़ीवाली,जाटू खाप के मास्टर राजसिंह जताई, सुखदेव पालवास, राजबाला कितलाना, संतोष देशवाल ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मुंह की खाने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखें नहीं खुली हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को अगर कोरोना महामारी की थोड़ी सी भी चिंता है तो 165 दिन से धरने पर बैठे लाखों किसानों की मांग पूरी करते हुए तीनों काले कानून रद्द कर एमएसपी की गारन्टी देने का कानून बनाना चाहिए।                       

 इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सुरजभान सांगवान, रणधीर घिकाड़ा, सुरेन्द्र कुब्जानगर, जागेराम डीपीईं, रामफल देशवाल, आचार्य देवी सिहं, सुबेदार सतबीर सिहं, ओमप्रकाश अनुसूचित जाति नेता,  रामफल चरखी, कर्ण सिहं नम्बरदार कालूवाला, संजय सरपंच बादल, ओम प्रजापति डोहकी, धरमू यादव, महीपत डोहकी, शब्बीर हुसैन, कैप्टन रामफल डोहकी, महीपाल आर्य छपार, रामानन्द धानक कालूवाला, परमजीत फतेहगढ़, हरबीर नम्बरदार कितलाना इत्यादि मौजूद थे।

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