गुरुग्राम । हरियाणा में खट्टर सरकार बिलकुल फेल हो चुकी है जिस तरह गृहमंत्री हरियाणा ने केंद्र से सेना की मदद मांगी है साफ है कि खट्टर सरकार कोरोना से उपजे हालता को संभालने के लिए नाकामयाब हुई है। लोग बेड ऑक्सीजन एम्बुलेंस दवा के लिए भटक रहे है वही गृहमंत्री विज टीवी इंटरव्यू में कहते फिर रहे है कि हमने तैयारी की थी। pm care से हरियाणा को भी 8 ऑक्सीजन प्लांट आवंटित हुए थे किंतु हालात बिगड़ने तक एक भी शुरू नही हुवा था।

लोग ऑक्सीजन के लिए दर दर भटकते रहे। एक ऑक्सीजन प्लांट पर पीड़ित के परिजन ने आत्महत्या कर ली तो कही लाइन में लगे लगे परिजन की मौत होने पर सिलेंडर फेक कर परिजन चले गए। वही पहले निगम ने कमान संभाली तो फिर मुख्यमंत्री में खुद किन्तु हालता नही बदले। फिर तय हुवा की ऑक्सीजन सिर्फ हॉस्पिटल को दी जाएगी लोग घरों में एक एक सांस के लिए मरते रहे। फिर तय किया कि दिन में 90 टोकन देंगे अब सवाल ये है जहां शहर में रोज 4000 से 5000 केस आ रहे है वहा क्या 90 लोगो के लिए इंतेजाम करना काफी है?

मरीजों के परिजन पहले घण्टो लाइन में लग कर टोकन ले फिर मानेसर 140 रुपये टोल दे कर ऑक्सीजन लेने जाए। यानी अधिकारियों को बिलकुल भी एहसास नही की एक मरीज की मदद कैसे करनी है? एम्बुलेंस चालको के रेट तय न होने पर 3 किलो मीटर के 30000 वसूले गए किन्तु एयर कंडीशनर ऑफिस में बेठ कर एम्बुलेंस के लिए 7 रुपये तय कर दिए गए। फिर ये फैसला वापिस लिया गया। क्या अधिकारियों को नही पता कि इस रेट में ऑटो भी नही चलता? क्या अधिकारियों को नही पता कि प्रदेश में डीजल 80 के पार है? वही शमशान घाटो में भी लूट मची है। जहां लकड़ी का रेट 700 रुपये था 1200 रुपये कर दिया गया। फ्रूट सब्जी के दाम आसमान पर है। किंतु चौकीदार बन लोगो के वोट लेने वाले चौकीदार चोरों की तरह मुह छुपाए बैठे है

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