कमलेश भारतीय

पश्चिमी बंगाल में मतगणना दो मई को हो चुकी । ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर हैट्रिक लगा चुकीं पर हिंसा का तांडव जारी है । भाजपा के भेजे गये मंत्री के काफिले पर भी हमला हुआ और जे पी नड्ढा गणतंत्र की शपथ दिलाने बराबर पहुंच गये थे मुख्यमंत्री पद की शपथ के । क्या कहा जाये कि तृणमूल कांग्रेस की जीत हज़म नहीं हुई ? ममता बनर्जी को शपथ लेने के तुरंत बाद महामहिम राज्यपाल महोदय ने भी बधाई की बजाय नसीहत ही दी कि जनता हिंसा में मारी जा रही है, उस पर ध्यान देना । ममता बनर्जी ने सारा दोष मढ़ दिया चुनाव आयोग पर कि तीन माह से राज्य की कमान उसके पास थी । अब मैं मुख्यमंत्री बनी हूं तो ध्यान दूंगी । इस तरह यह दोषारोपण शुरू हो गया ।

टी वी चैनल इस हिंसा पर बहस का शो चला रहे हैं और दो बातें दिखाई गयीं -एक किसी पत्रकार को भाजपा सोशल मीडिया ने अपना कार्यकर्त्ता बता कर उसके मरने की खबर वायरल कर दी । वह पत्रकार सामने आया और भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ को फटकारा तब संबित पात्रा इतना ही कह पाये कि इसी नाम का कार्यकर्त्ता हिंसा में मारा तो गया है लेकिन फोटो गलत पोस्ट हो गयी । कैसे ? इतनी जल्दी थी तृणमूल कांग्रेस की नयी नयी सरकार को बदनाम करने की ? जरा कन्फ़र्म तो कर लेते । अब ये फेक न्यूज मानी जाये या सोशल मीडिया प्रकोष्ठ की भारी भूल? इसके बावजूद तृणमूल कांग्रेस को भी हिंसा से बाज आना चाहिए।

दूसरी बात जो सामने आई जिस महिला के गैंगरेप को लेकर संबित पात्रा माहौल बना रहे थे , उसी महिला को तृणमूल कांग्रेस ने मीडिया के सामने ला खड़ा किया और वह महिला बता रही है कि उसके साथ कोई गैंग रेप नहीं हुआ । हां , अभद्र भाषा का उपयोग हुआ । अब तिल से ताड़ बनाने में जुट गये तो ममता बनर्जी की बात में भी दम नज़र आने लगा कि केंद्रीय मंत्री पश्चिमी बंगाल में जनता को भड़काने के लिए भेजे जा रहे हैं । है कि नहीं दम ? तीन माह से जिस राज्य में हिंसा हो रही हो और राज्यपाल महोदय की इच्छा कि चौबीस घंटे में इस पर अंकुश लग जाये, यह कैसे संभव है ? कुछ समय तो दोगे ? इसीलिए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता यह कहते हैं कि भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए आधार बना रही है । अब तो चुनाव हो गये । परिणाम आ गये । आप अपनी रणनीति के अनुसार अगले राज्यों में होने वाली रणनीति बनाने में जुट जाइए और ममता बनर्जी को कोरोना से पश्चिमी बंगाल को बचाने के लिए काम करने दीजिए । जब भाजपा की बड़ी बड़ी रैलियां और रोड शो हो रहे थे तब निर्वाचन आयोग आंखें मूंद बैठा रहा और अब चाहते हैं कि एकदम से सब ठीक हो जाये ?

भाजपा के ही वरिष्ठ नेता तथागत राॅय ने भी अपनी ही पार्टी की आलोचना करते कहा है कि तृणमूल कांग्रेस का कचरा भाजपा में शामिल करने से यह हार हुई है । याद दिला दूं कि भाजपा में दो साल के भीतर सैंतीस नेता तृणमूल कांग्रेस से दलबदल कर लाये गये थे और उन्हें टिकट भी दिये गये लेकिन इनमें से सिर्फ तीन ही जीत कर विधानसभा लौट पाये हैं , बाकी हार कर घर बैठ गये। इसके लिए तथागत ने जे पी नड्ढा, कैलाश विजयवर्गीय और दिलीप घोष का नाम लेकर कहा कि इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहम॔त्री अमित शाह का नाम खराब किया है । तथागत मेघालय त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल हैं । इन्हें भाजपा हाईकभाने ने दिल्ली बुला लिया है । इनके अनुसार पार्टी संकट में है । वैसे असम के दो बार के मुख्यमंत्री सोनोवाल भी कांग्रेस से ही लाए गये थे ।

इधर पंजाब पुलिस ने हास्य कलाकार सुगंधा मिश्रा के खिलाफ कोरोना गाइडलाइंज के उल्लंघन करने पर केस दर्ज उन्हें विवाह की बधाई दी है । उल्लेखनीय है कि सुगंधा जालंधर की मूल निवासी है और 26 अप्रैल को फगवाड़ा के एक रिसोर्ट में संकेत भोंसले के साथ शादी की । इस अवसर पर पुलिस का आरोप है कि जम कर कोरोना गाइडलाइंज का उलालूगन किया गया । यह नहीं होना चाहिए था , सुगंधा । लुधियाना में शूटिंग करते समय जिम्मी शेरगिल पर केस के बाद यह पंजाब पुलिस का दूसरा ऐसा केस है जिसमें सेलिब्रिटी को भी माफ़ नहीं किया गया । शाबाश , पंजाब पुलिस । इधर हमारी हरियाणा पुलिस है जिसकी नाक के नीचे शटर गिरा कर शराब की बिक्री की जा रही है और लोग कोरोना गाइडलाइंज का सरेआम उल्लंघन करते दिख रहे हैं । पड़ोस से कुछ तो सीखो । बराबर के पे स्केल तो मांगते हो पर बराबर का काम भी तो करके दिखाओ हमारे शेरो ।

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