कोरोना की नियमो की अवहेलना करने वालो पर हो कार्यवाही : माहमारी के समय राजनीति नही सेवा जरूरी: रेवाड़ी – इनेलो प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने कहा कि सरकार व प्रशासन आमजन को कोरोना महामारी में घर से बाहर न निकलने की सलाह देती है कोरोना गाइडलाइंस की पालना की बात करते है। वही खुद इस महामारी में राजनीति करने से पीछे नही हटती व किसी न किसी बहाने अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश में लगे रहते है। एडवोकेट डहीनवाल ने कहा कि भाजपा के नेताओं ने कोविड -19 की गाइड लाइन को किया तार-तार करते हुए धरना दिया उससे ये साफ हो गया की सरकार जब उनकी तो उन्हें कोई क्या कह सकता है चाहे वो कानून का कितना भी उल्लंघन करे। लेकिन ये नही भूलना चाहिए कि देश मे संविधान से बढ़कर कुछ नही अब प्रशासन को इन नेताओं पर धारा- 144 का उल्लंघन करने पर उचित कार्यवाही करनी चाहिए। ताकि जनता प्रशासन की सख्ती को देखते हुए अनावश्यक कारण से घरों से बाहर न निकले । आज का धरना देने का कारण बीजेपी का पश्चिमी बंगाल में अपनी हार को न पचाना है वही बंगाल में हुई हिंसा से बड़ी बड़ी घटनाएं हरियाणा में होती रहती है सैकड़ो किसानों की मौत पर इन नेताओं की चुप्पी व कोरोना महामारी में सरकार की अव्यवस्था के कारण हुई मौत पर कोई बयान न देना ये दर्शाती है की इनकी नजरो में आमजन की जिंदगी कीड़े मकोड़ो के बराबर है । वरना ऐसी महामारी में राजनीति करने की बजाय जनता को ऑक्सीजन वेंटिलेटर व बेड न मिलने पर उनकी सहायता करके कोरोना मरीजो की जान बचाने का काम करना था लेकिन बीजेपी सरकार को सिर्फ सत्ता सुख भोगना है राजनीति को जनसेवा का माध्यम बताने वाली बीजेपी का असली चेहरा जनता ने देख लिया है। इनेलो प्रवक्ता ने कहा कि पूरे प्रदेश में जब राजनीतिक गतिविधियां बंद हो है उसके बावजूद आखिर धरना कैसे दिया गया । इसलिए प्रशासन को ऐसे लोगो के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए।इसके साथ ही बीजेपी नेताओं को नसीहत हुए कहा कि पश्चिमी बंगाल में कानून व्यवस्था इत्यादि वहाँ की मुख्यमंत्री व टीएमसी के नेता संभाल लेंगे आज हरियाणा के बिगड़ते हालातों को काबू करने जरूरी है। बीजेपी नेताओं को उनपर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। Post navigation जिन क्षेत्रों को माईक्रो कन्टेनमेंट जोन बना रखा है, उन्हें सैनिटाईज तक नही किया जा रहा : विद्रोही मुख्यमंत्री पर सत्ता अहंकार का नशा इस कदर चढ़ा हुआ है कि सलाह देने वाले नेता पर ही बरस पड़ते हैं : विद्रोही