रेवाड़ी – 5 मई 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा सरकार व उसका प्रशासन कोरोना संक्रमण से प्रभावी ढंग से निपटने में कतई भी गंभीर नही है। कोविड सम्बन्धित मुद्दों पर सरकार व प्रशासन का रवैया टरकाऊ व उपेक्षापूर्ण है। विद्रोही ने कहा कि रेवाड़ी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मध्यनजर लगभग एक सप्ताह पूर्व सैक्टर-4 व 3 को माईक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाया लेकिन आज तक सैक्टर 4 में प्रशासन की ओर से सैनिटाईजेशन तक नही करवाया गया है।

विद्रोही ने कहा कि उनका निवास व कार्यालय सैक्टर 4 के माईक्रो कन्टेनमेंट जोन के नजदीक है और कार्यालय के समीप ही कोरोना संक्रमित बुजुुर्ग महिला की मौत हो चुकी है। फिर भी अभी तक इस क्षेत्र को सैनिटाईज नही करवाना बताता है कि प्रशासन के कोरोना संक्रमण से निपटने की रणनीति में कितनी खामिया है। प्रशासन अपनी वाह-वाही के लिए मीडिया में लम्बे-चौडे बयान रोज दागता है, पर जमीनी धरातल पर करता कुछ नही है। यह बिडम्बना नही तो क्या है कि जिन क्षेत्रों को माईक्रो कन्टेनमेंट जोन बना रखा है, उन्हें सैनिटाईज तक नही किया जा रहा है और अपनी पीट थपथपाने अन्य क्षेत्रों को सैनिटाईज करने के बयान दागे जा रहे है।

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर निचले स्तर के अधिकारियों का रवैया कोरोना संक्रमण के प्रति असंवेदनशील है। जब मुख्यंमत्री रेवाड़ी में कोरोना संक्रमण की समीक्षा के लिए आये तो बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने सीएम को सबकुछ चंगा सी का एहसास करवाके रोजमर्रा आ रही समस्याओं का समाधान करवाने का स्वर्णिम अवसर गवां दिया। वहीं मुख्यमंत्री का रवैया भी बेहद असंवेदनशील रहा। मेरी जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में निश्चित संख्या आधार पर ही कोरोना मरीजों को भर्तीे करो व आक्सीजन दो। लोगे शोर मचाते है तो मचाने दो।

जब मुख्यमंत्री समीक्षा बैठकों में ऐसी बाते करेंगे तो अधिकारी कोरोना मरीजों से कैसा असंवेदनशील व्यवहार करेंगे, यह बताने की जरूरत नही। मुख्यमंत्री का काम लोगों को अधिकतम सुविधा देना होना चाहिए न कि सीमित व्यवस्थाओं से ही संतुष्ट रहना चाहिए। विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री रेवाड़ी दौरे के बाद भी कोरोना व्यवस्थाओं में कोई गुणात्मक परिवर्तन होगा, कम से कम मुझे तो ऐसी आशा दूर-दूर तक नजर नही आ रही। जब प्रदेश का मुख्यिा ही कोरोना संक्रमण मुद्दे पर असंवेदनशील हो और अपने शब्दों के चयन पर ध्यान नही देता हो तो अधिकारी कितने बेलगाम होकर क्रूर व असंवेदनशील रवैया अपनाएंगे, यह बताने की जरूरत नही।

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