देश के अन्नदाता का आरोप- सरकार किसान की ना बीमार की
कितलाना टोल पर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना 131वें दिन जारी 

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

4 मई – ,कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश भर में जो हालात बने हुए हैं उसके लिए युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है। यह बात अनेक वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राज्यभर में कोरोना को लेकर गंभीर स्थिति है।पीड़ितों के लिए ऑक्सिजन और दवाईयों के परिजन मारे मारे घूम रहे हैं लेकिन बात वही ढाक के तीन पात वाली है। उन्होंने कहा कि सरकार को प्राथमिकता के आधार पर सभी मरीजों को ऑक्सिजन और एंटीवायरल दवाई उपलब्ध करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग कालाबाजारी में  लिप्त हैं उन्हें कड़ी सजा देनी चाहिए।         

 उन्होंने कहा कि विडंबना है कि सरकार ना बीमार की है ना किसान की है। उन्होंने कहा कि 161 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर किसान अपनी जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं और इस बीच 400 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं। उसके बावजूद सरकार टस से मस नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में तीन काले कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन इन कानून के रद्द होने पर ही रुकेगा। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूरों की एकजुटता ने इस आंदोलन को जनांदोलन बना दिया है।             

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर धरने के 131वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, कमल प्रधान, बीरमति, संतोष देशवाल, मीरसिंह निमड़ीवाली, सुखदेव पालवास ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि आम आदमी समझ गया है कि ये तीन  काले कानून हर वर्ग पर बड़ी चोट करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के जबरदस्ती थोपे गए कानूनों के प्रति जनता में भारी रोष है।             

 इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, वीरभान निमड़ीवाली, पृथ्वी सिंह गिल मैनेजर, शमशेर सांगवान, मास्टर ओमप्रकाश कितलाना, रणधीर घिकाड़ा, रामानंद शर्मा, धर्मेन्द्र छपार, भीम सिंह नायक, बलजीत मानकावास, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, जागेराम डीपीई, सत्यवान कालुवाला, रामफल देशवाल, प्रताप सिंहमार इत्यादि मौजूद थे।

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