रेवाड़ी, 1 मई 2021 – मई दिवस पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने मजदूर आंदोलनों में कमेरे वर्ग के श्रमिकों के हितों के लिए लड़ते हुए दुनियाभर मेें कुर्बानी देने वाले शहीद कामगारों को भावभीनी श्रद्धाजंली अर्पित करते हुए जीवनभर उनके हकों के लिए आवाज उठाने व लड़ते रहने का संकल्प लिया। विद्रोही ने कहा कि यह लगातार दूसरा मई दिवस है जब कोनोना संक्रमण के चलते उनके निवास व कार्यालय क्षेत्र में लोकडाऊन लगे होने के कारण प्रत्यक्ष रूप से वे किसी भी मजदूर, कामगार भाई व कमेरे वर्ग से व्यक्तिगत रूप से मई दिवस पर मजदूरों के हितों व अधिकारों के संदर्भ में चर्चा नही कर पाये। यह लगातार दूसरा मई दिवस है जो मजूदरों पर आर्थिक व सामाजिक रूप से बहुत भारी पड़ रहा है। पिछले साल कोरोना के कारण देशभर में मजदूरों का भारी तादाद में पलायन हुआ जिसके चलते उन्हे भारी आर्थिक व व्यक्तिगत संकटों का सामना करना पड़ा। इस मई दिवस पर भी कोरोना संक्रमण के चलते मजदूर वर्ग में भय का माहौल है जिसके चलते वे पलायन कर रहे है। विद्रोही ने कहा कि देश में जब भी कोई आर्थिक व सामाजिक संकट आया है, उसका सबसे ज्यादा खामियाजा भी मजदूरों को उठाना पड़ा है। वहीं विगत सात सालों के मोदी-भाजपा-संघी राज में मजदूरों का शोषण बढ़ा है और पूंजीपतियों की मनमानी बढती जा रही है। मोदी सरकार सुनियोजित ढंग से मजदूर अधिकारों में कटौती करके मजदूर वर्ग के शोषण को बढावा दे रही है। आज मजदूरों के सामने आर्थिक संकट ही नही अपितु अपना रोजगार बचाने का भी बडा संकट है। विद्रोही ने कहा कि असंगठित क्षेत्र व प्रवासी मजदूरों की स्थिति और भी विकट है। देश जिन परिस्थितियों से गुजर रहा है और मोदी-भाजपा सरकार जिस तरह चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए शासन चला रही है, उसके चलते चाहे संगठित क्षेत्र के सरकारी, अर्ध-सरकारी कर्मचारी हो या औद्योगिक मजदूर या असंगठित क्षेत्र के कामगार सभी के सामने नौकरी बचाने का संकट है। ऐसी स्थितति में मई दिवस पर सभी मेहनतकश लोगों को मिलकर अपने हकों के लिए लडने का संकल्प लेना होगा तभी इस समय वे सरकार व पंूजीपतियों की मिलीभगत से हो रहे शोषण से बच पाएंगे। Post navigation मुख्यमंत्री का दावा भी हवा-हवाई जुमला, एमएसपी पर अब सरकार किसानों से और खरीद नही करेगी : विद्रोही मुनाफाखोरों ने आपदा को लूट का अवसर बनाया, बहुत ही शर्मनाक स्थिति : विद्रोही