मुख्यमंत्री का दावा भी हवा-हवाई जुमला, एमएसपी पर अब सरकार किसानों से और खरीद नही करेगी : विद्रोही

रेवाडी जिले में लगभग 16 हजार किसानों ने सरकारी पोर्टल पर गेंंहू के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। सरकार ने रेवाडी जिले में केवल 12 हजार किसानों का गेंहू खरीदा और 4 हजार किसानों का गेंहू खरीदने से इनकार कर दिया।

रेवाड़ी – 30 अप्रैल 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने आरोप लगाया कि किसानों के गेंहू का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का दावा भी हवा-हवाई जुमला साबित हुआ। विद्रोही ने कहा कि सरकार ने रेवाड़ी जिले की तीनों अनाज मंडियों सहित जिले की आठ मंडियों में गेंहू की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद यह कहकर बंद कर दी कि एमएसपी पर अब भाजपा सरकार और किसानों से खरीद नही करेगी।

उल्लेखनीय है कि रेवाडी जिले में लगभग 16 हजार किसानों ने सरकारी पोर्टल पर गेंंहू के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। सरकार ने रेवाडी जिले में केवल 12 हजार किसानों का गेंहू खरीदा और 4 हजार किसानों का गेंहू खरीदने से इनकार कर दिया। सरकार के इस रवैये से लगभग एक तिहाई किसान अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपना गेंहू नही बेच सकेंगे और वे पूर्णतया बाजार व आढतियों के रहमो-करम पर छोड़ दिये गए है।

विद्रोही ने भाजपा सरकार के इस किसान विरोधी रवैये की कठोर आलोचना करते हुए सवाल किया कि जब 16 हजार किसानों ने अपना गेहू सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था तो 4 हजार किसानों का गेंहू न खरीदना खुली धोखाधड़ी नही तो और क्या है? सरकार ने अपनी घोषित नीति से पीछे हटकर किसानों को लूटने-पीटने के लिए क्यों छोड़ा? भाजपा सरकार का यह रवैया जीवंत प्रमाण है कि उसकी कथनी-करनी में भारी अंतर है। किसान अंादोलन के दबाव में किसानों से ज्यादा गेंहू खरीदने का दावा तो किया गया, पर वह भी हवाई निकला।

विद्रोही ने कहा कि ऐसी स्थिति में किसानों का कृषि कानूनों को लेकर मोदी-भाजपा-संघी सरकार के प्रति अविश्वास जायज है। भाजपा सरकार की किसी बात पर किसान कैसे विश्वास करे जब सरकार अपनी कही हुई बात व घोषणा से मुकरने में एक क्षण भी नही लगाती। विद्रोही ने मांग की कि जिन किसानों ने सरकारी पोर्टल पर अग्रिम रजिस्ट्रेशन करवा रखा है, उनके गेंहू का एक-एक दाना सरकार एमएसपी पर खरीदे क्योंकि यह सरकार का संवैद्यानिक दायित्य है। 

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