सरकार द्वारा गठित नगर निगम अधिकारियों की टीम के पास आया ऑक्सीजन वितरण का जिम्मा ! प्रशाशन के पास ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में उपलब्ध है जिसका दावा भी किया जा रहा है परन्तु जरूरत केवल सही से वितरण करने की थी जिसे अब बखूबी निभाया जाएगा गठित टीम द्वारा , मगर क्या गुरुग्राम में रजिस्ट्रेशन है जिनका उन्हें ही प्राथमिकता दी जाएगी या सभी को आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा ? सवाल तो यह भी उठता है कि उन लोगों का क्या होगा जो एक अदद खाली सिलेंडर का जुगाड़ करने के लिए मारे मारे दर-बदर भटकते फिर रहे थे और उसके बाद घँटों भूखे प्यासे लाइनो में खड़े होकर ऑक्सीजन भरवा लेने के लिए तपस्यारत दिखाई दे रहे थे – क्या हल निकलेगा उनका और क्या उन्हें भी ऑक्सीजन मुहैया हो पाएगी ? खबरों की मानें तो पहले से ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी हो रही थी जिसमे लिप्त कुछ लोगों को पकड़ा भी गया था प्रशाशन द्वारा – तो क्या अब भृस्टाचार नहीं होगा और क्या उसपर रोक लगा पाने में सफल हो पाएगा निगम जब्कि आए दिन नगर निगम पर ही भृस्टाचार के आरोप लगते रहते हों उस स्तिथि में ? बड़ा सवाल यह भी है कि आम लोगों की पहुंच में आ पाएगी ऑक्सीजन क्योंकि आरोप यह भी लगते रहे हैं कि अधिकारी फोन नहीं उठाते उस स्तिथि में जिसके लिए वह विख्यात बताए जाते हैं । बकौल तरविंदर सैनी (माईकल) समाजसेवी गुरुग्रामनगर निगम ईस भयावह स्थिति से निपटने में कारगर साबित होगा और कोरोना के खिलाफ लड़ी जाने वाली ईस जंग में सक्रियता से अपनी भूमिका निभाएगा अपने दायित्वों का निर्वहन कर पाएगा भी के नहीं यह देखने वाली बात होगी फिलहाल तो स्तिथियाँ नियंत्रण में लाने की जरूरत है , प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति तक मदद पहुंचाने की आवश्यकता होगी , विषम परिस्थिति में लोगों की जरूरतों को पूरा करने की जिम्मेवारी है महत्वपूर्ण । Post navigation ऑक्सीजन के लिए मारे मारे फिर रहे लोग निगम अधिकारी नहीं उठा रहे फोन प्रोनिंग(पेट के बल लेटकर) ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में सहायक – उपायुक्त