गुडग़ांव में नहीं लग रहा है कि सबकुछ है ठीक जिला प्रशासन को इस दिशा में उठाने चाहिए ठोस कदम

गुडग़ांव, 26 अप्रैल (अशोक): कोरोना महामारी को लेकर हर कोई चिंतित है। कोरोना के बढ़ते मामलों ने गुडग़ांव जिलेवासियों को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन दावा करता आ रहा है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं, लेकिन कोरोना पीडि़तों की बढ़ती संख्या व कोरोना से हो रही मौंतें लोगों को सोचने पर बाध्य कर रही हैं कि गुडग़ांव में सबकुछ ठीक नहीं हैं।

जिला प्रशासन कह रहा है कि अस्पतालों में कोरोना पीडि़तों के लिए बैड की कोई कमी नहीं है। जब कोरोना पीडि़तों के तीमारदार उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराने के लिए जाते हैं तो अस्पतालों में बैड नहीं मिल पा रहे हैं। उन्हें गुडग़ांव में ही नहीं, अपितु सोहना, नूंह, रेवाड़ी, फरीदाबाद आदि क्षेत्रों में अपने मरीज को भर्ती कराने को लेकर चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ऐसे में मरीज बैड न मिलने के कारण रास्ते में ही दम तोड़ रहे हैं। इस प्रकार की कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं। विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के लोगों का कहना है कि कोरोना से होने वाली मौंतों का सिलसिला जारी है।

शहर के मध्य स्थित मदनपुरी श्मशान घाट में शवों के अंतिम संस्कार के लिए स्थान का भी अभाव पड़ गया है। बताया जाता है कि श्मशान घाट परिसर में इधर-उधर अंतिम संस्कार मृतकों के किए जा रहे हैं। एंबूलैंस की कतारें श्मशान घाट से लेकर मुख्य सडक़ तक लगी हुई देखी जा सकती हैं। इस विभत्स दृश्य को लेकर हर कोई ईश्वर से यही प्रार्थना कर रहा है कि इस महामारी से किसी भी तरह से लोगों को निजात दिलाई जाए।

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