सायं 6 बजे के बाद सदर बाजार व अन्य क्षेत्रों में पसर जाता है सन्नाटा

गुडग़ांव, 25 अप्रैल (अशोक): प्रदेश सरकार ने बढ़ती कोरोना महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन की घोषणा तो नहीं की है, लेकिन प्रतिदिन सायं 6 बजे के बाद अगले दिन प्रात: तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को छोडक़र सभी को बंद करने के आदेश जिला प्रशासन को दिए हैं, ताकि कोरोना के बढ़ते प्रकोप से शहरवासियों व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बचाया जा सके।

प्रदेश सरकार ने फेस मास्क न लगाने वालों के खिलाफ भी अभियान छेड़ा हुआ है। बड़ी संख्या में ऐसे लापरवाह लोगों के चालान भी किए जा रहे हैं। सभी का एक ही उद्देश्य है कि कोरोना से लोगों को बचाया जाए। गत 2 दिनों से सायं 6 बजे के बाद शहर के मुख्य सदर बाजार व आस-पास के क्षेत्रों के बाजार भी बंद हो जाते हैं। शहर की मुख्य सडक़ों पर भी सन्नाटा पसर जाता है। सदर बाजार में खाद्य सामग्री व मेडिकल स्टोर को छोडक़र अन्य सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद ही नजर आते हैं। अब लोगों को दुकानें बंद कराने के लिए अधिक नहीं कहा जाता, वे स्वयं ही सायं 6 बजे अपनी दुकानें बंद करनी शुरु कर देते हैं।

दिन के समय में भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अब लोगों की अधिक भीड़ दिखाई नहीं देती। यह भीड़ अब कम होनी शुरु हो गई है। आम लोगों को भी कोरोना के बढ़ते मामलों ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जीवित रहेंगे तो सब सामान्य हो जाएगा। जान है तो जहान है, जैसी सोच भी लोगों की बननी शुरु हो गई है। शहर के सदर बाजार ही नहीं, अपितु न्यू व ओल्ड रेलवे रोड, सैक्टर 4/7 मार्किट, सैक्टर 14, सिविल लाईंस क्षेत्र व अन्य क्षेत्रों में भी दुकानदारों ने जिला प्रशासन के आदेशों का पालन करना स्वेच्छा से ही शुरु किया हुआ है। कुछ मामलों को छोडक़र ही पुलिस को कहीं-कहीं सख्ती बरतनी पड़ती है। लोगों का कहना भी है कि यदि प्रदेश सरकार ने गुडग़ांव में लॉकडाउन लगा दिया तो इससे आर्थिक व्यवस्था चरमरा जाएगी। पहले से ही शहरवासी परेशान हैं। दिल्ली में लॉकडाउन होने के कारण गुडग़ांव के उद्योग विहार क्षेत्र स्थित व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कामगारों की संख्या प्रभावित हुई है, जिससे प्रतिष्ठानों में उत्पादन भी नियमित रुप से नहीं हो पा रहा है।

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