भाजपा-गठबंधन सरकार द्वारा किसानों को 72 घंटे में गेंहू का भुगतान करने के सारे दावे फेल साबित हुए: अभय सिंह चौटाला. सरकार किसानों की गेहूं की फसल का तुरंत करे भुगतान: अभय. मंडियों में बारदाना तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही सरकार. अन्नदाता सरकार के साथ-साथ कुदरत की मार भी झेलने को हंै मजबूर चंडीगढ़, 21 अप्रैल: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को चंडीगढ़ से एक बयान जारी कर कहा कि 24 अप्रैल शनिवार को इनेलो पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता, जिला प्रधानों की अगुआई में अपने-अपने जिलों की मंडियों में जाकर गेहूं खरीद के बारे में किसानों से संपर्क करेंगे साथ ही मंडियों में किसानों के लिए शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाओं का जायजा लेंगे। मंडियों में ठेकेदारों द्वारा किसानों से प्रति कट्टा पांच रुपए वसूलने और गेहूं तुलाई के समय प्रति कट्टा 50 किलो की बजाय 51 किलोग्राम गेहूं भरने जैसी शिकायतों की छानबीन करेंगे। इसके बाद मीडिया में अपनी बात रखेंगे। इनेलो नेता ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-गठबंधन सरकार द्वारा किसानों को 72 घंटे में गेंहू की फसल का भुगतान करने के सारे दावे फेल साबित हुए हैं। भाजपा-गठबंधन सरकार किसानों की गेंहू की फसल का भुगतान तुरंत करे और मंडियों में जो अव्यवस्था फैली है उसे ठीक करे। इनेलो नेता ने कहा कि वो स्वयं मंडियों में गए हैं जहां किसानों के साथ आए दिन हो रहे उत्पीडऩ को उन्होंने अपनी आंखों से देखा है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जिस दिन किसानों को चाहे गेहूं की फसल का भुगतान का मुद्दा हो, मंडी में बारदाने की कमी हो, गेहंू की फसल का उठान हो या फिर बारिश के कारण खुले में पड़ी गेहूं के खराब होने की बात हो जैसी समस्याओं से न जूझना पड़ता हो। उन्होंने कहा कि आज बहुत से ऐसे किसान हैं जिनकी गेंहू की फसल को बिके एक हफ्ते से ज्यादा हो गया है लेकिन फसल का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। वहीं प्रदेश की भाजपा-गठबंधन सरकार मंडियों में किसानों को बारदाना तक समय पर उपलब्ध करवाने में नाकाम रही है जिसके कारण किसान मंडियों में बारदाने की कमी के कारण गेहूं के उठान न होने से भी परेशान हंै। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा-गठबंधन सरकार के कारण जहां एक ओर किसान परेशान हैं और अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है वहीं दूसरी तरफ खराब मौसम में हो रही बरसात के कारण कुदरत की मार का भी किसान सामना कर रहा है। आज सरकारी कुप्रबंधों के कारण खुले में पड़ी हजारों टन गेंहू बर्बाद होने के कगार पर है। Post navigation सरकार की दोहरी नीति पर सवाल क्या अधिकारियों की विभागीय परीक्षा से नहीं बढ़ेगा कोरोना संक्रमण सरकार समझे कि आंकड़े छिपाने से न हकीकत बदलेगी, न कोरोना कम होगा और न ही परिजनों को खोने वालों का दर्द – दीपेन्द्र हुड्डा