किसी भी लोकतांत्रिक सरकार से इस कठिन समय में ऐसे क्रूर व अंसवेदनशील व्यवहार की आशा नही की जा सकती है। विद्रोही ने खट्टर जी से पूछा कि वे हरियाणा के लोकतांत्रिक ढंग से चुने हुए मुख्यमंत्री है

रेवाड़ी, 20 अप्रैल 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि आर्थिक बदहाली व कोरोना संकट से जूझ रहे आमजनों को आर्थिक रूप से लूटने के लिए हरियाणा बिजली निगमों द्वारा अग्रिम खपत जमानत राशी के नाम पर एक माह की बिजली खपत बिल अनुसार प्रति बिजली उपभोक्ता से 4 माह का बिल एकमुश्त वसूलने की सरकारी लूट के आदेश को तत्काल वापिस ले। विद्रोही ने कहा कि पिछले एक साल से ज्यादा समय से आम हरियाणावासी कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक रूप से बदहाल हो चुका है। लोगों की लगी लगाई नौकरियां छूट गई, व्यापार धंधे चौपट हो गए, मजदूरी मिलती नही, किसानों पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, सरकारी-अर्धसरकारी, निजीे संस्थानों के कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलने के लाले पड़े हुए है और ऐसे कठिन समय में हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार अपना खजाना भरने के लिए एक लुटरी, क्रूर, सामांतवादी राजा की भंाति आम आदमी की जेब पर खुलेआम डाकाजनी करने की बेशर्मी कर रही है। बिजली बिलों के समय पर भुगतान न करने के नाम पर भाजपा-जजपा सरकार हर बिजली उपभोक्ता से हर माह के बिल के अुनसार अग्रिम जमानत राशी के नाम पर चार माह का अग्रिम बिजली बिल भरने को बाध्य कर रही है। 

विद्रोही ने कहा कि एक साथ चार माह का अग्रिम बिजली बिल भरना आम हरियाणवीं के लिए इस आर्थिक बदहाली व कोरोना संकट के दौर में संभव नही है। जब कोरोना संकट के कारण आमजन की आर्थिक कमर टूट चुकी है, रोजगार है नही, व्यापार धंधे चौपट है और लोगों के लिए दो वक्त अपना परिवार का पेट भरना ही बहुत मुश्किल हो रहा है तो उस समय बिजली बिलों में अग्रिम खपत जमानत राशी के नाम पर चार गुणा ज्यादा बिजली बिल वसूलना क्रूरता व असंवेदनशीलता की हद है। किसी भी लोकतांत्रिक सरकार से इस कठिन समय में ऐसे क्रूर व अंसवेदनशील व्यवहार की आशा नही की जा सकती है। विद्रोही ने खट्टर जी से पूछा कि वे हरियाणा के लोकतांत्रिक ढंग से चुने हुए मुख्यमंत्री है या संघी मनुवादी व्यवस्था के नागपुरी राजा है? एक लोकतांत्रिक मुख्यमंत्री से तो ऐसे क्रूर आचरण की आशा नही जा सकती है। यदि खट्टर जी के मन में जरा भ लोकलाज बची है तो खजाना भरने के लिए ऐसे तुगलकी फरमान जारी करने से बाज आये। विद्रोही ने मांग की कि भाजपा-जजपा सरकार अग्रिम खपत जमानत राशी के नाम पर एकमुश्त चार माह का बिजली बिल उपभोक्ताओं से उसकी बिजली खपत अनुसार वसूलने का तुगलकी फरमान तत्काल वापिस ले। 

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