कोविड में आर्थिक संकट में उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ अनुचित
निर्णय वापिस नहीं लेने पर जिला प्रशासन व बिजली निगम कार्यालय के बाहर देंगे धरना

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के उपभोक्ताओं के बिलों में अग्रिम खपत के नाम पर वसूली जा रही सिक्योरिटी डिपोजिट शुल्क के विरोध में डीएलएफ इलाके के निगम पार्षद आरएस राठी ने हरियाणा बिजली नियामक आयोग व बिजली निगम के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्णय वापिस लेने की मांग की है। यदि जल्द ही निर्णय वापिस नहीं लिया गया तो एक सप्ताह के भीतर जिला प्रशासन और बिजली निगम के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन दिया जाएगा।

राठी ने जानकारी देते हुए बताया कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा दो बिलिंग साइकिल के बिल के बराबर लगाए गए सिक्योरिटी डिपोजिट शुल्क अनुचित है। विभाग ने बिना सोचे समझे निर्णय लेकर लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। पहले ही लोग कोरोना के कारण आर्थिक संकट से गुजर रहे है। मार्च-अप्रैल माह में बिजली निगम द्वारा जारी किए गए बिजली के बिल उपभोक्ताओं के घरों में बम की तरह गिर रहे है, इनमें हजारों रुपये का सिक्योरिटी डिपोजिट बिजली एनर्जी शुल्क के नाम से जोड़ दिया गया है।

गौरतलब है कि हरियाणा बिजली नियामक आयोग (एचईआरसी) की तरफ से फरमान जारी किया गया है कि बीते वित्तीय वर्ष में किसी भी उपभोक्ता के सालाना बिलिंग की औसत निकाल दो बिलिंग साइकिल (यानि चार माह) का बिल सिक्योरिटी डिपोजिट के तौर पर बिजली निगम के पास जमा कराना होगा। यह पिछले साल लागू होना था लेकिन कोविड के कारण इसे 24 मार्च 2021 से प्रभावी बनाया गया है। यह डिपोजिट विभाग अपने पास बिजली की अग्रिम खपत के तौर पर रखेगा।

डीएलएफ कुतुब इन्कलेव आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि धु्रव बंसल, एच ब्लाक आरडब्ल्यूए के प्रधान राहुल चंदोला, सेक्टर-27 आरडब्ल्यूए के सचिव वाइके शर्मा, डीएलएफ फेज दो से प्रदीप बाली, सुशांत लोक एक से शिव शंकर राय इत्यादि का कहना है कि लोग कोविड के चलते आर्थिक संकट से गुजर रहे है। अब फिर से कोविड पीक पर है। ऐसे में इस शुल्क को वसूलने का कोई औचित्य नहीं बनता।

मुझे उपभोक्ताओं की तरफ से बिजली के बिलों में सिक्योरिटी डिपोजिट को लेकर काफी आपत्तियां व शिकायतें प्राप्त हो रही है। इस फैसले को वापिस करने के लिए मेरी तरफ से बिजली निगम व एचईआरसी को पत्र लिखा गया है। वापिस नहीं होने पर जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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