भाजपा का दिखावे का गौ प्रेम, खुल रही है पोल बुजुर्ग महिला को सींग से उठाकर फेंका, हुई मौत भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। जिले के ज्यादातर शहर, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्र में पिछले कई महीनों से आवारा सांडों के आंतक से लोगों के जानमाल पर बन आई है। सरकार का गौ प्रेम अब बुजुर्गों के लिए वह किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन गया। जिले में चल रही गौशालाओं में गायों के लिए तो स्थान है पर नंदीयों के लिए कोई जगह नहीं है। नारनौल शहर में इन आवारा नदियों से निजात दिलाने के लिए नंदी शाला बनाई गई थी उसके बावजूद शहर में इन आवारा नंदीयों को विचरते आम देखा जा सकता है। समस्या से निजात दिलाने के लिए न तो सरकार के नुमाइंदे गंभीर हैं न ही प्रशासन के आला अधिकारी। एक आवारा सांड ने बुजुर्ग महिला को सींगों से उठाकर करीब दस फीट दूर फेंक दिया। सींगों पर उठाने की वजह से महिला के पेट में गंभीर चोट आई थी। जिसके कुछ देर बाद महिला की मौत हो गई। इससे पहले भी इस प्रकार की जिले में अनेक घटनाएं सामने आ चुकी है। ताजा घटना में गांव ढाणी किरारोद अफगान में एक आवारा सांड ने घर के बाहर खडी एक वृद्ध महिला को सींगों से उठाकर फेंक दिया । इस हादसे में महिला की कुछ देर बाद मौत हो गई। इस मामले में मृतक वृद्धा के पुत्र नत्थूराम ठेकेदार ने बताया कि उनकी मां पड़ोस से वापस घर लौट रही थी तो घर के बाहर गली में खड़े एक आवारा सांड (नंदी) ने सींगों से उठाकर करीब दस फीट दूर फेंक दिया। सींगों पर उठाने की वजह से उनकी मां के पेट में गंभीर चोट आई थी । ठेकेदार ने बताया कि उपचार के लिए जब उनकी मां को अस्तपाल ले जाया गया जहां, डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया । फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं आवारा नंदीआवारा नंदी (सांड) से वृद्धा की मौत के बाद गांव के लोगों में जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों के प्रति भारी गुस्सा है। गांव के बलवंत सिंह, पूर्व सरपंच विजय कुमार, पंच प्रताप सिंह, पंच मदन लाल और श्रीचंद ठेकेदार ने बताया कि इन आवारा नंदीयों की वजह से कटाई से पहले फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। किसानों को सर्द रातों में जागकर अपने अपने खेतों में रखवाली करनी पड़ी। अब आलम ये है कि गांव की गलियों में लोगों की जानें तक जा रही है। मामला दर्ज ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की जानकारी में मामला लाने के बाद भी आवारा नंदियो के प्रति जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उनका गांव अब नगर परिषद में शामिल हो चुका है, इसलिए नप अधिकारियों को आवारा सांडों को पकडकर बाडे या गौशालाओं व नंदीशाला में पहुंचाना चाहिए, लेकिन नगर परिषद भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। Post navigation देश तो धन्य हो ही गया ! जिले में करोना का सितम लगातार जारी आज मिले 25