चण्डीगढ़, 15 अप्रैल – न्यायमूर्ति श्री राजन गुप्ता, न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में सभी मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट/सचिवों, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के साथ पूरे हरियाणा में कोविड मामलों के बढऩे के मद्देनजर ऑनलाईन मंच के माध्यम से एक बैठक आयोजित की गयी।  

वीडियो कॉन्फ्रेंन्स के दौरान कार्यकारी अध्यक्ष, हालसा ने सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को कोविड के मामलों में वृद्धि के दृष्टिगत राहत व जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने के निर्देश दिये, क्योंकि कोविड-19 मामले कई गुना बढ़ रहे हैं। कार्यकारी अध्यक्ष ने उन जरूरतमंद व्यक्तियों तक पहुंचने पर भी जोर दिया, जो राज्य सरकार द्वारा घोषित वित्तीय राहत पैकेज के हकदार हैं । इसके अलावा, कार्यकारी अध्यक्ष ने मास्क के उचित उपयोग के बारें में लोगों को जागरूक करने, सामाजिक दूरी का पालन करने व हाथों की सफाई और टीकाकरण की जरूरत पर बल दिया। कार्यकारी अध्यक्ष ने स्वैच्छिक रूप से जनता की सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर टीकाकरण अभियान चलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को निर्देश दिए और कहा कि टीकाकरण के लाभों और दुष्प्रभावों के बारे में भी सार्वजनिक रूप से सूचित किया जाना चाहिए और स्वैच्छिक रूप से टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए।

उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को जरूरतमंद व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए गए कि वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग वित्तीय सहायता, आधार कार्ड, वोटर कार्ड और केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी अन्य लाभकारी योजनाओं के लाभ के लिए सम्बन्धित विभागों के साथ सहयोग करते हुए जरूरतमंद व्यक्तियों को उचित सहायता प्रदान की जाए।

इसके अलावा, कार्यकारी अध्यक्ष, हालसा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को यह भी निर्देश दिये कि प्रत्येक जिले के अतिरिक्त उपायुक्त को जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की सभी गतिविधियों में नोडल अधिकारी के रूप में शामिल किया जाए ताकि जिला प्रशासन से और विशेष रूप से महामारी के दौरान आम लोगों को राहत सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, कार्यकारी अध्यक्ष ने सचिवों को स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ महीने में कम से कम एक बैठक करने के भी निर्देश दिये। जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को हरियाणा के निजी और सरकारी स्कूलों में पहले से स्थापित कानूनी साक्षरता क्लबों के उपयोग को बढ़ाने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज में स्थापित विद्यार्थी कानूनी साक्षरता क्लबों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा लगातार कार्यक्रमों के संचालन पर जोर दिया जाना चाहिए।

अन्त में, सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को निर्देश दिये गए कि वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों से सम्बन्धित सभी मामलों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के जिला एवं सत्र न्यायाधीशों/अध्यक्षों और जिला प्रशासन के साथ उठाएं ताकि हालसा, नालसा और सरकार की अन्य योजनाओं का अधिकतम लाभ आम जनता को मिल सके। जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को जिला एवं सत्र न्यायाधीशों/अध्यक्षों को आम आदमी को होने वाली कठिनाईयों के बारे में अवगत कराने के लिए कहा गया ताकि आम आदमी तक पहुंचने के लिए जिला प्रशासन द्वारा उचित व्यवस्था की जा सके।

वीडियों कान्फ्रेंस के दौरान सदस्य सचिव व संयुक्त सदस्य सचिव भी मौजूद रहे।

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