भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। आज गुरुग्राम नगर निगम की मेयर मधु आजाद ने इंग्लैंड के सरे शहर के मेयर के ब्यान पर टिप्पणी की किसान आंदोलन के बारे में। सरे के मेयर ने कहा मधु आजाद के अनुसार कि वह किसानों के साथ हैं और प्रत्युत्तर में गुरुग्राम मेयर ने कहा कि यहां का किसान बहुत सुखी है और उन्होंने यह ब्यान चर्चा में आने के लिए दिया है। शायद वह अपने बारे में कह रही होंगी, क्योंकि हमने तो आज तक न तो उन्हें किसानों को समझाते देखा है और न ही किसानों के बीच बैठते देखा है। गुरुग्राम नगर निगम आज पूरे हरियाणा में सोमनाथ के मंदिर के नाम से प्रसिद्धि पाने की ओर अग्रसर है। यहां सफाई की व्यवस्था देखो तो वह बुरी तरह चरामराई हुई है लेकिन दावे स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम आने के हैं। इसी प्रकार गुरुग्राम को बहुत समय पूर्व कैटल फ्री जोन घोषित किया हुआ है लेकिन यहां लगभग रोज ही सडक़ों पर आवारा पशुओं से राहगीरों को चोट लगती रहती है। निगम की गाडिय़ां कभी-कभार उन्हें पकड़ते भी देखी गई हैं। यह कैसा कैटल फ्री है? इसी प्रकार गुरुग्राम को खुले में शौच मुक्त घोषित किया हुआ है और बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं कि हमने प्रधानमंत्री की योजना को भली प्रकार लागू किया है लेकिन जहां-जहां झुग्गी-झोंपडिय़ां हैं, उनके आसपास और इधर गुरुग्राम रेल लाइन के आसपास सुबह-शाम के समय भ्रमण कर सच्चाई को देखा जा सकता है। गुरुग्राम की शान गुरुग्राम का सदर बाजार शौचालयों की कमी समस्याओं से जूझ रहा है। बार-बार व्यापारी ज्ञापन दे रहे हैं। यह तो मुख्य बाजार की बात है लगभग सारे शहर का हाल यही है। इसी प्रकार गुरुग्राम प्रगति पथ पर चल रहा है जानें किन-किन कार्यों के लिए? तार डालने के लिए, खम्भे लगाने के लिए, सीवर डालने के लिए, पानी की लाइन डालने के लिए, सडक़ों, गलियों को खोद दिया जाता है और वह महीनों तक राहगीरों के परेशानी का सबब बनती रहती हैं। कहीं-कहीं तो ऐसी स्थिति वर्ष से भी अधिक बनी हुई है। इसी प्रकार अतिक्रमण हटाने के लिए रोज बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। कहा जाता है कि हमने बड़ी योजना बनाई है और उसे कार्यरूप देने के लिए टीमें बनाई हैं लेकिन धरातल पर शून्य नजर आता है। ठीकरा जनता पर फोड़ा जाता है। आम आदमी इस परेशानी के दंश को झेल रहा है। दस मिनट का रास्ता आधे घंटे में पूर्ण होता है। अवैध निर्माण और कॉलोनी काटने की बात करें तो उसके लिए भी टीमें बनाई जाती हैं, कुछ निर्माण तोड़े भी जाते हैं लेकिन अधिकांश छज्जा गिराकर या सील लगाकर आ जाते हैं और फिर उनसे न जाने क्या बात होती है, वे फिर बन जाते हैं और कार्य आरंभ हो जाता है। इसी प्रकार इंजीनियरिंग विंग की बात है, बड़े-बड़े घोटाले हो जाते हैं। करोड़ों की पेमेंट बिना काम किए हो जाती है। काम के झूठे दस्तावेज दिखा दिए जाते हैं और जो कार्य होते हैं, उनमें शायद ही कोई मानकों पर पूरा उतर पाएगा। इसी प्रकार ग्रीन बैल्ट पर कब्जे इनकी जानकारी में हो रहै हैं, लेकिन कब्जाधारी मस्त हैं। इस प्रकार अनेक समस्याओं से जूझ रहा है गुरुग्राम। आदरणीय मेयर साहिबा, इन समस्याओं पर कब ब्यान देंगी, इसी का इंतजार रहेगा ? Post navigation राष्ट्रीय लोक अदालत में 1757 में से 1040 मामलों को सुलझाया संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम ने मनाया संविधान बचाओ दिवस, सफल रहा 24 घंटे KMP का जाम