–कमलेश भारतीय महाराष्ट्र से जिस तरह वसूली की खबरें या कहिए आरोप सामने आ रहे हैं , उससे लगता है कि वसूली परमो धर्मः । वैसे भी यह वसूली का आरोप परमबीर सिंह ने ही पहले लगाया महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर । जब उन्हें महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख पद से हटाया गया तब यह बात सामने आई कि अनिल देशमुख मुझसे प्रतिमाह सौ करोड़ रुपये की वसूली करके देने की बात कह रहे थे । यह बात परमबीर ने राज्यपाल के नाम लिखी चिट्ठी में कही । अब मामला कोर्ट में है और यह सौ करोड़ रुपये प्रतिमाह की वसूली चर्चा में है । अभी यह वसूली चर्चा में ही थी कि सचिन बाजे ने एक और विस्फोट कर दिया कि उसे पुलिस में बहाल करने के लिए शिवसेना नेता अनिल परबा ने दो करोड़ रुपये की मांग की थी । इस तरह महाराष्ट्र सरकार दिन-प्रतिदिन झमेले के लपेटे में आती जा रही है । चाहे शरद पवार की पार्टी का नेता हो या शिवसेना नेता, दोनों के नाम उछल रहे हैं वसूली के लिए । अभी कांग्रेस बच रही है इस गठबंधन में । आखिर पुलिस ही वसूली के लिए कारगर क्यों ? क्योंकि खाकी वर्दी का रौब जो कुछ भी वसूल कर ले । चौक चौराहों पर छोटे मोटे चालान से ही खाकी डरा धभका लेती है और कहना नहीं चाहिए कुछ वसूली भी कर लेती है । फिर मुम्बई की तो बात बी क्या , जहां बार , रेस्तरां और बार गर्ल से कमाई ही कमाई है । अंडरवर्ल्ड का पैसा है । फिल्मी दुनिया, क्या क्या नहीं है । डाॅन संभवतः सभी अपराधियों में सबसे धनी और प्रभावशाली होगा । किसके दम पर ? मुम्बई के दम पर ही तो । एक मामूली सिपाही का बेटा दाऊद सबसे लम्बा आपराधिक जीवन पाकिस्तान में बिता रहा है और डी कम्पनी का साम्राज्य आज भी कम नहीं हुआ । यह भी पुलिस की लापरवाही के चलते । सिर्फ एक पुलिस वाले के साथ दाऊद का फोटो है , जो उसे पकड़ने का दावा करता है लेकिन इस के बाद ऐसे छूटा कि कितने ही मुल्कों की पुलिस उसे फिर पकड़ने में नाकाम रही । वैसे अब तक छप्पन जैसी फिल्में भी बनी हैं पुलिस काॅप को प्रेरित करने के लिए और सचमुच का हीरो काउंटर स्पेशलिस्ट दया भी है जिसे उपेक्षित किया गया । उसकी भी जायदाद की बातें सामने आईं । अजय देवगन की सिंघम सीरीज की फिल्में हों या अक्षय कुमार की राउडी राठौर सबमें पुलिस की ही शान का बखान है । बाॅबी द्योल की एक फिल्म भी पुलिस की ईमानदारी पर है । यह अच्छी बात है । पुलिस बल के परिवारों के मनोरंजन के लिए फिल्मी सितारे एक शो भी हर बार रखते हैं । यह भी अच्छी परम्परा है । पुलिस बल को इस तरह पैसा वसूली की मशीन बनाना नेताओं की बड़ी भूल है । नेताओं को पुलिस बल को फ्री हैंड देना चाहिए जैसा कभी पंजाब में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह ने दिया था और इस फ्री हैंड के चलते आतंकवाद को खत्म करने में सफलता मिली थी । Post navigation मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आयुक्त व उपायुक्त के साथ वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से शिवधाम नवीनीकरण, ग्रे-वाटर मैनेजमेंट तथा गेहूं खरीद प्रबंधों की समीक्षा की राफ़ेल की उड़ान पर फिर सवाल