अपनी ही सरकार का मजाक बना रहे गुरुग्राम के भाजपा कार्यकर्ता

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम, 01 अप्रैल। आज एक भाजपा कार्यकर्ता की विज्ञप्ति आई कि उन्होंने गुरुग्राम में गुरू द्रोण की प्रतिमा, द्वार या चौक लगाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृहमंत्री अनिल विज, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को पत्र लिखा। उनका कहना था कि नई पीढ़ी को शहर के इतिहास से रूबरू कराना उनका लक्ष्य है।

मन में विचार जागा कि क्या वह स्वयं गुरुग्राम के हैं, गुरुग्राम के इतिहास को जानते हैं, अपने नेताओं को जानते हैं, गुरू द्रोण के बारे में जानते हैं? गुरू द्रोण के स्मारक बनवाने के लिए जो कार्य चल रहे हैं, उनके बारे में जानते हैं? लगा कि शायद नहीं जानते, अन्यथा इस प्रकार का पत्र नहीं लिखते।

उन्हें शायद यह नहीं मालूम कि मुख्यमंत्री गुरुग्राम में नौकरी कर चुके हैं और गुरूग्राम की गली-गली में सडक़ पर घूमे हैं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ भी अपना निवास यहीं बना रहे हैं और राव इंद्रजीत इतने वर्षों से गुरुग्राम के सांसद हैं, वह गुरूग्राम की छोटी-बड़ी हर समस्या और इतिहास से पूर्णत: परिचित हैं तथा गृहमंत्री अनिल विज की गुरूग्राम पर विशेष नजर है। तो इस पत्र के माध्यम से क्या यह उनके जानकारी और ज्ञान को चैलेंज कर रहे हैं?

मैंने गुरुग्राम जिले की भाजपा इकाई से पूछा कि नवीन गोयल  के पास भाजपा का कौन-सा पद है, जो वह भाजपा नेता बने बैठे हैं तो वहां से स्पष्ट तो नहीं लेकिन गोलमोल उत्तर मिला कि वर्तमान में जिला कार्यकारिणी में उनके पास कोई पद नहीं है और प्रदेश कार्यकारिणी अभी घोषित नहीं है। अत: वर्तमान में उनके पास कोई पद नहीं है।

मैंने आगे पूछा कि भाजपा ने सारे कार्यकर्ताओं को विज्ञप्ति जारी करने का अधिकार दे रखा है तो उनका कथन था कि भाजपा ने प्रवक्ता बनाए हुए हैं, मीडिया प्रभारी बनाए हुए हैं, वे या फिर विधायक, जिला अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मंत्री आदि ब्यान देते हैं।

मैंने आगे पूछा कि भाजपा ने सारे कार्यकर्ताओं को विज्ञप्ति जारी करने का अधिकार दे रखा है तो उनका कथन था कि भाजपा ने प्रवक्ता बनाए हुए हैं, मीडिया प्रभारी बनाए हुए हैं, वे या फिर विधायक, जिला अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मंत्री आदि ब्यान देते हैं।

इस बात से लगा कि वह स्वयंभू नेता हैं और इनका जिला कार्यकारिणी और विधायक से कोई तालमेल नहीं है। यदि तालमेल होता तो उन्हें जानकारी होती कि गुरू द्रोण के नाम से विश्व प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर गुरूग्राम में है और जो उन्होंने जिक्र किया कि सिविल लाइन में गुरू द्रोणाचार्य के प्रतिमा के साथ पार्क था, वह अब फ्लाईओवर के दौरान हटा दिया गया है।

यदि वह अपनी पार्टी में और अपने विधायक से मिलते तो उन्हें ज्ञात हो जाता कि जब वह प्रतिमा हटाई गई थी, तभी यह निर्णय ले लिया गया था कि इन्हें गुरूग्राम में भव्य रूप से स्थापित किया जाएगा। जगह भी चिन्हित कर ली थी और कार्य आरंभ करने की योजना भी बन गई थी लेकिन कोर्ट से स्टे के कारण वह मामला लटका हुआ है, जिसके लिए अधिकारी, सांसद, विधायक और गुरूग्राम की जनता प्रयासरत है। स्थान की खोज की जा रही है। अत: कह सकते हैं कि जो वह पत्र के माध्यम से अनुरोध कर रहे हैं, वह जनता को बता रहे हैं कि यह अनुरोध मैं कर रहा हूं इसका औचित्य क्या है?

इन बातों से लगा कि स्वयंभू नेता अपनी नेतागीरी चमकाने के लिए इस किस्म का विचार कर रहे हैं, ताकि जब कार्य संपन्न हो जाए तो उसका श्रेय स्वयं ले सकें।यह तो हुई गुरू द्रोण की बात।

अब इस बात को ऐसे भी देख सकते हैं कि जब भाजपा ने अपने प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी बना रखे हैं तो क्या कोई भी कार्यकर्ता भाजपा नेता के नाम से विज्ञप्ति जारी कर सकता है? इस विज्ञप्ति से तो सीधे-सीधे यही लगता है कि वह मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, सांसद और विधायक की जानकारी और उनके कार्य की अक्षमता को प्रदर्शित कर रहे हैं। क्योंकि इससे यह स्पष्ट जाहिर होता है कि इन नेताओं को इस बात की जानकारी ही नहीं है।

अब यह कितना उचित है और कितना अनुचित यह अनुशासन का दम भरने वाली भाजपा को देखना है।
error: Content is protected !!