कितलाना टोल पर लगातार दूसरे दिन धुल भरी आंधी के बीच किसानों का धरना 97वें दिन जारी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

किसान आंदोलन में अब तक 300 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं उसके बाद भी सरकार निष्ठुर बनी हुई है। यह बात कहते हुए किसान नेताओं का दर्द आज कितलाना टोल पर छलक उठा और सरकार को सीधी चेतावनी दी।  उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अंग्रेजों का समय याद दिला दिया है। उन्होंने कहा कि 1907 में अंग्रेजों की हुकूमत ने भी तीन कृषि कानून बनाये थे जिसका हमारे बुजुर्गों ने कड़ा विरोध किया था और ब्रिटिश सरकार को उन्हें वापिस लेने पर मजबूर कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने जो तीन काले कानून बनाये हैं किसान और मजदूरों की एकजुटता उन्हें रद्द करवा कर रहेगी।             ‌         

 उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को विफल करने के लिए भाजपा ने कई योजनाएं गढ़ी। कभी अपने बड़बोले मंत्रियों को आगे किया जिन्होंने आंदोलन के पीछे विदेश का हाथ बताया तो कभी एसवाईएल के नाम पर किसानों को बांटने का षड्यंत्र रचा लेकिन अपने कुचक्र में सफल नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हर वर्ग भाजपा की चालों को समझ गया है। भारत बंद की अभूतपूर्व कामयाबी ने सरकार की आंखें खोलकर रख दी हैं। लगातार दूसरे दिन चल रही धुल भारी आंधी के बावजूद टोल पर किसानों का हौंसला बरकरार रहा और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।                 

 कितलाना टोल पर धरने के 97वें दिन धर्मपाल महराणा, रणधीर कुंगड़, करतार सिंह गिल, गंगाराम श्योराण, सज्जन कुमार सिंगला, दल्लो छपार, संतरा डोहकी, राजसिंह जताई ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि नए श्रमिक कोड मजदूरों पर बड़ा प्रहार हैं इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर गुरुवार को कितलाना टोल पर इन कोडों की प्रतियां जलाई जाएंगी। आम आदमी पार्टी के दादरी जिलाध्यक्ष रिम्पी फौगाट ने 4 अप्रैल को जींद में होने वाली किसान महापंचायत का निमंत्रण अध्यक्ष मंडल को दिया।           

धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश और दिलबाग ग्रेवाल ने किया। इस अवसर पर बलबीर बजाड़, राजकुमार हड़ौदी, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, राजू मान, सज्जन सिंह मैनेजर, प्रोफेसर जगमिंद्र, चन्द्र सिंह, कृष्णा छपार, निम्बो, मंगल सुई, अजीत सिंह सांगवान, होशियार सिंह, जगबीर ग्रेवाल, महेंद्र सिंह, जयप्रकाश, सत्यवीर, जगदेव, कप्तान रामफल, रत्तन सिंह बडेसरा, जगदीश हुई, ओमपाल, ज्ञानीराम, जगराम इत्यादि मौजूद थे।

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