किसान आंदोलन का 126वां दिन | संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम का अनिश्चितकालीन धरना 94वां दिन | गुरुग्राम। दिनांक31.03.2021 – किसानों की माँगो के समर्थन में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने बताया कि किसान आंदोलन के 126वें दिन किसान,मज़दूर तथा गुरुग्राम के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रमुख व्यक्ति धरने पर बैठे। किसान मोर्चा अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह,आर एस राठी,गजे सिंह कबलाना तथा बीरू सरपंच ने संयुक्त बयान में बताया कि सरकार सत्ता के नशे में चूर है और अहंकार के कारण किसानों से बातचीत नहीं कर रही है। किसान मोर्चा अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार दोगली नीति अपनाए हुए हैं।एक तरफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि प्रत्येक किसान को अपनी फ़सल का पूरा एमएसपी मिलेगा और वो देश में कहीं भी अपनी फ़सल को बेच सकता है। दूसरी तरफ़ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं की हरियाणा के अपंजीकृत किसानों की फ़सल न ख़रीदें तथा पुलिस को निर्देश दिए हैं कि दूसरे राज्यों से अगर कोई फ़सल हरियाणा में बेचने आए तो उसको हरियाणा के बॉर्डर पर ही रोक दें क्योंकि दूसरे राज्यों के किसान हरियाणा में फ़सल नहीं बेच सकते है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में ज़्यादातर किसान अशिक्षित हैं और उन्हें पंजीकरण की प्रक्रिया का पूरा ज्ञान नहीं है। उन्होंने सरकार से माँग की कि सभी किसानों की फ़सल को एमएसपी पर ख़रीदा जाए। आज धरने पर बैठने वालों में नवनीत रोजखेड़ा,मनीष मक्कड़,उषा सरोहा,जयप्रकाश रेहडू,महासिंह ठाकरान, विजय यादव, रेखा यादव,अमित अत्री एडवोकेट,बलवान सिंह दहिया,डॉक्टर धर्मबीर राठी,एस एल प्रजापति,अरुण शर्मा एडवोकेट,ब्रह्म प्रकाश सहरावत एडवोकेट,दलबीर सिंह मलिक,विंग कमांडर एम एस मलिक,योगेश्वर दहिया,मनोज झाड़सा,मेवा सिंह,आर सी हुड्डा,पंजाब सिंह,विजय लाकड़ा,रमेश दलाल,उम्मेद सिंह दहिया कोमाइन्द्रजीत सिंह,,हरि सिंह चौहान,तनवीर अहमद,कमलजीत सिंह,बिरेन्द्र सिंह कटारिया, दयानंद शर्मा,योगेश कुमार,सतवीर गुर्जर,मुकेश यादव,आकाश यादव, संजय कुमार सेन,धर्मवीर झाड़सा,ईश्वर सिंह पातली,अमित पंवार, प्रेम रावत तथा अन्य व्यक्ति शामिल हुए। Post navigation समस्त किसानों के निमंत्रण पर सिंघु बार्डर पहुंचे सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किसानों के संग मनाया शहीदी दिवस लोककल्याण में ही सार्थक होती है पत्रकारिता-आंबेकर