• किसानों के समर्थन में आयोजित पंजाब-हरियाणा स्टाइल कबड्डी प्रतियोगिता में शामिल होकर उनका हौसला बढ़ाया• किसान अलग-अलग तरीकों से खुद का जोश, जूनून व जज्बा बनाए हुए हैं• आज नहीं तो कल सरकार का अड़ियल रवैया हारेगा और किसान जीतेगा• किसानों ने राज्य सभा में उनका पक्ष मजबूती से रखने और किसान के हक की आवाज़ बुलंद करने के लिये सांसद दीपेंद्र हुड्डा का आभार जताया सोनीपत, 23 मार्च। सांसद दीपेंद्र हुड्डा समस्त किसानों के निमंत्रण पर आज सिंघु बार्डर पर किसानों के बीच शहीदी दिवस मनाने पहुंचे और उनके समर्थन में आयोजित पंजाब-हरियाणा स्टाइल कबड्डी प्रतियोगिता में शामिल होकर उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान किसानों ने उनका आभार जताया कि राज्य सभा में सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मजबूती से किसानों का पक्ष रखा और उनके हक की आवाज़ बुलंद की। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 3 क्रांतिकारियों की शहादत ने अंग्रेज सरकार की चूलें हिला दी थी, मगर दिल्ली की सीमा पर 300 किसानों की शहादत पर भी इस सरकार के कानों पर जूँ नही रेंग रही है। उन्होंने देश की आज़ादी के लिये सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरु और शहीद सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज पूरा देश शहीदी दिवस मना रहा है। किसान लगातार अपनी मांगों के साथ शांति पूर्ण ढंग से डटे हैं और अलग-अलग तरीकों से खुद का जोश, जूनून व जज्बा बनाए हुए हैं। किसानों के जोश को देखते हुए ये स्पष्ट है कि आज नहीं तो कल सरकार का अड़ियल रवैया हारेगा और किसान जीतेगा। इस अभूतपूर्व आन्दोलन में किसान की नैतिक जीत तो पहले ही हो चुकी है बस राजहठ पर अड़ी सरकार से जीतना बाकी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज देश का अन्नदाता सड़कों पर है। लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार अपनी आंखें बंद किए बैठी है। हर रोज़ किसी ना किसी आंदोलनकारी किसान की कुर्बानी हो रही है। अब तक करीब 300 से ज्यादा किसान अपनी जान की कुर्बानी दे चुके हैं। एक तरफ देश की बॉर्डर पर हमारे जवानों की शहादत हो रही हैं वहीं दूसरी तरफ दिल्ली बॉर्डर पर हमारे किसानों की शहादतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हालात बेहद दुःखदायी हैं। सरकार को चाहिए कि वो एक पल की भी देरी किये बिना किसानों की मांगों को माने और गतिरोध ख़त्म करवाए। सत्ता के अहंकार में डूबी सरकार के पास चुनावों के लिये समय है लेकिन अन्नदाता से बात करने के लिये समय नहीं है। पिछले 4 महीनों से हर देशवासी किसानों के प्रति सरकार के तिरस्कार और सरकार के अहंकार को देख रहा है। समय सबका हिसाब करेगा। इस दौरान प्रमुख रूप से विधायक सुरेंद्र पवार, विधायक इंदुराज नरवाल, पूर्व सांसद धर्मपाल सिंह मलिक, मेयर निखिल मदान, अर्जुन दहिया, जसपाल खेवड़ा, कुलदीप वत्स, जयवीर आंतिल, बिजेंद्र आंतिल, हवा सिंह आंतिल, सतीश कौशिक, सुरेंद्र छिकारा, सीमा शर्मा, अनूप मलिक, इकबाल मलिक, अमनदीप शर्मा, सतबीर आंतिल, संजय चौहान, राजीव सरोहा, संजीव डागर, सुनिष दहिया, महावीर बंजारा, सतेंद्र आंतिल समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। Post navigation मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीहमा गांव को दी राजकीय कालेज की सौगात सभी किसानों की फ़सल एमएसपी पर ख़रीदे सरकार-चौधरी संतोख सिंह