गृह  क्षेत्र हेलीमंडी में पहुंचने पर हर्षू शर्मा का जोरदार अभिनंदन.
ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज विमेन फ्री स्टाइल में जीता कांस्य पदक.
दंगल गर्ल बनी हर्षू बोली अब लक्ष्य आगामी वर्ष गोल्ड मेडल जीतना

फतह सिंह उजाला

पटौदी। शूटर टीचर दीदी से दंगल गर्ल बनी हर्षू शर्मा का शनिवार को अपने गृह क्षेत्र हेली मंडी में पहुंचने पर यादगार अभिनंदन किया गया । दिल्ली में तीन दिवसीय ऑल इंडिया सिविल सर्विस विमेन फ्रीस्टाइल रैसलिंग में हर्षू शर्मा ने 63 किलो भार वर्ग में रचना, पूनम व अन्य पहलवानों को पटखनी देते हुए कांस्य पदक पर कब्जा किया । यह उपलब्धि इस नजरिए से भी बहुत बड़ी है कि महज 3 माह पहले ही हर्षू शर्मा के द्वारा दंगल के मैदान में अपने कदम बढ़ाए गए ।

दिल्ली शिक्षा विभाग में कार्यरत हर्षू शर्मा का हेली मंडी पहुंचने पारंपरिक रूप से पगड़ी पहनाकर अभिनंदन किया गया । इस मौके पर वयोवृद्ध समाजसेवी लाला रतन लाल अग्रवाल, श्रीपाल चैहान, विजय भारद्वाज, राधेश्याम शर्मा, रामचंद्र भारद्वाज , पालिका पार्षद मदन लाल अग्रवाल, सुरेंद्र कपूर गर्ग , प्रवीन वशिष्ठ, बीबी सोनी, सहित गणमान्य नागरिकों के द्वारा हर्षू शर्मा को अपना आशीर्वाद देते हुए राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी गोल्ड मेडल जीतने की कामना की । इसी मौके पर दंगल गर्ल टीचर हरशु शर्मा के अभिभावक भाजपा के वरिष्ठ नेता और हेलीमंडी पालिका के पूर्व पार्षद विनोद शर्मा ,माता श्रीमती बीना शर्मा के साथ साथ छोटी बहन गुंजन के अलावा लक्ष्मी देवी ,गीता शर्मा, पिंकी गायत्री देवी , मीरा देवी, काजल देवी के द्वारा भी हर्षू शर्मा का अभिनंदन करते प्रोत्साहित किया गया ।

इस मौके पर हर्षू शर्मा ने बताया की लगभग 3 महीने पहले ही खेलों के प्रति उसकी रूचि को देखते हुए ए एस ओ सुरेश कुमार ने रेसलिंग के कोच जोगेंद्र को उसके विषय में जानकारी दी। कोच जोगेंद्र ने हर्षू शर्मा का खेलों के प्रति समर्पण और जज्बा देखते हुए फ्रीस्टाइल रैसलिंग के लिए ट्रायल लिया, इसके बाद कोच की देखरेख में हर्षू शर्मा फ्रीस्टाइल रैसलिंग में उम्मीद के मुताबिक बहुत जल्द पारंगत भी हो गई। हर्षू शर्मा ने अपनी इस कामयाबी और उपलब्धि के लिए पूरा श्रेय अपने अभिभावकों और कोच को देते हुए कहा कि आत्मविश्वास और ईश्वर पर भरोसा निश्चित ही कामयाबी की गारंटी है । हर्षू शर्मा के मुताबिक प्रशिक्षण के दौरान और दंगल की में उतरने से पहले ही कोच ने स्पष्ट बता दिया था कि फ्रीस्टाइल रैसलिंग में चोट भी लग सकती है, यह एक ऐसा खेल है जिसमें करीब-करीब पहलवान के लिए किसी प्रकार के खास नियम कानून लागू नहीं होते हैं ।

हरियाणवी भाषा में हर्षू शर्मा ने कहा फ्रीस्टाइल रैसलिंग का मतलब है सीधे-सीधे उठाओ और पटको । हर्षू शर्मा ने बताया कि वह फ्रीस्टाइल रैसलिंग में भी शूटिंग की तरह से पदक जीत सकती है , इसकी प्रेरणा उसके पिता के द्वारा ही मिली । जब 65 वर्षीय पिता विनोद शर्मा ने 110 किलो की मोटरसाइकिल उठा ली तो फिर मेरे लिए 63 किलो भार वर्ग में प्रतिद्वंद्वियों को उठाकर पटकने में कोई मुश्किल सामने दिखाई नहीं दी । मेरी जीत का मूल मंत्र इसी बात में ही छिपा हुआ है । हर्षू शर्मा ने अपने हमउम्र युवा वर्ग खिलाड़ियों विशेष रुप से लड़कियों और युवतियों को संदेश देते हुए कहा की मेहनत ,लगन ,अभिभावकों के आशीर्वाद और कोच के मार्गदर्शन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करना सबसे अधिक सहायक साबित होता है । हर्षू शर्मा के शब्दों में जो भी करो ,खेल के मैदान में ईमानदारी के साथ अपना शत-प्रतिशत झोंक देना चाहिए। इसके बाद निश्चित ही परिणाम आप के पक्ष में ही होगा।

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