आरोप आईपीएस अधिकारी के खिलाफ चिट्ठी पर फर्जी साइन कर वायरल किया 

जांच अधिकारी आस्था मोदी आज देगी महिला आयोग को रिपोर्ट

7 महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण मामले में विनेश फोगाट की हुई एंट्री

वायरल लेटर पर आरोपी एसपी का भी आया बयान

हरियाणा पुलिस संगठन के प्रदेशाध्यक्ष ने बैठक बुलाई 

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में कानून व्यवस्था की पोल खोल देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम लिखी एक चिट्ठी वायरल हो रही है। जिसपर 7 महिलाओं पुलिस कर्मियों की साइन है। चिट्ठी में एक आईपीएस अफसर पर यौन शोषण का आरोप लगाया गया है। चिट्ठी के अनुसार एक महिला पुलिस अधिकारी की मदद से आरोपित आईपीएस पीड़िताओं पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बना रहा था। ऐसा न करने पर एसीआर रिपोर्ट खराब करने की चेतावनी दी थी। यौन शोषण के प्रयास के आरोप में सोमवार को फतेहाबाद एसपी आस्था मोदी ने 24 महिला पुलिस कर्मियों को फतेहाबाद बुलाया। महिला पुलिसकर्मियों को सोमवार सुबह ही बस से फतेहाबाद एसपी कार्यालय ले जाया गया। इससे पहले शनिवार को 19 महिला पुलिसकर्मियों को जांच के लिए बुलाया था, लेकिन उनके बयान में आरोप निराधार पाए गए थे। उस समय आरोप लगे थे कि पीड़ित कर्मचारियों के बजाय दूसरी महिला पुलिसकर्मियों को जांच के लिए भेजा गया है।

मामले में मुख्यमंत्री ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को जांच के आदेश दिए। अब ये जांच फतेहाबाद एसपी आस्था मोदी कर रही हैं। जिसमें उन्होंने 19 पुलिस कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं, अभी शिकायत की बात सामने नहीं आई है। जांच को लेकर आस्था मोदी ने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी मामले की जांच चल रही है।

हिसार क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एम रवि किरण ने कहा, ”तथ्यान्वेषी जांच शुरू कर दी गई है। मामले की जांच जारी है।” एडीजीपी ने बताया कि जिस आईपीएस अधिकारी के खिलाफ पत्र में आरोप लगाए गए हैं, उन्होंने स्वयं मामले की गहन जांच का अनुरोध किया है। अब हरियाणा के एक आईपीएस अधिकारी पर महिला कर्मचारियों के यौन शोषण के प्रयास के आरोपों की जांच पर सवाल उठने लगे हैं। 19 महिला पुलिस कर्मियों से पूछताछ के बाद जांच अधिकारी ने दावा किया है कि अभी तक ऐसे आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है।

वही इस विवाद में अब जींद के एसपी पर यौन शोषण के आरोपों की सोशल मीडिया पर वायरल चिट्ठी मामले का खुलासा हुआ है।

ब्लैकमेल और बदनाम करने के लिए फर्जी खबर पोस्ट करने पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। जींद ब्रेकिंग न्यूज सोशल मीडिया के एडमिन पर कई धाराओं में केस दर्ज हुआ है।

पुलिस एडमिन और उसके अन्य साथियों के रिकार्ड को भी खंगाल रही है। आरोप है कि नई ईमेल आईडी बनाई और फर्जी शिकायत पर फर्जी हस्ताक्षर कर वायरल की गई तथा फर्जी शिकायत 3 मिनट में ही बनाकर ईमेल डिलीट कर दी गई। पूरे मामले के अधिक राज खुल सकते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने पुख्ता सबूतों के आधार पर कार्रवाई की है। टीमें बारीकी से जांच करने में जुटी हुई है, कई खुलासे होने की उम्मीद बनती दिखाई दे रही है। थाना सिविल लाइन जींद में केस दर्ज किया गया है। फेसबुक पेज एडमिन पर कई धाराओं के तहत पुलिस ने मामला दर्ज किया है। महिला थाना प्रभारी ने शिकायत में कहा है कि सोशल मीडिया के द्वारा उन्हें बदनाम किया गया है। यह मामला महिला थाना प्रभारी की शिकायत के बाद दर्ज किया गया है।

महिला थाना प्रभारी ने शिकायत में लिखा है कि मेरे संज्ञान में आया है कि 2 दिन पहले जींद ब्रेकिंग न्यूज़ सोशल मीडिया चैनल पर बदनाम करने की नीयत से चैनल के एडमिन ने अन्य लोगों के साथ मिलकर महिला पुलिस कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार किया और यौन शोषण की शिकायत से संबंधित झूठी पोस्ट वायरस की पोस्ट में मेरे और उच्च अधिकारियों पर झूठे आरोप लगाए गए।

इस मामले की जांच फटे बात की पुलिस अधीक्षक कर रही है मुझे पता चला है कि अभी तक 19 पुलिस कर्मचारियों के बयान दर्ज हो चुके हैं अभी तक शिकायत से संबंधित कुछ भी सामने नहीं आया है। मुझे यह भी पता चला है कि 2 दिन पहले जो शिकायत की काफी पोस्ट की गई थी उसे पर किसी के साइन नहीं थे कुछ समय बाद महिला पुलिस कर्मचारियों के फर्जी साइन कर एक और शिकायत पोस्ट की गई यह सब कुछ बदनाम करने की नीयत से किया गया। चैनल के एडमिन पर पहले भी इस प्रकार की शिकायतें करके पुलिस सिविल अधिकारियों और कर्मचारियों से पैसे का एक्सट्रार्शन किया गया है।

सोशल मीडिया के ग्रुप में वायरल हुआ था पत्र

दूसरी तरफ, इंटरनेट मीडिया पर जय माता दी के नाम से बने ग्रुप में एक अन्य पत्र रविवार रात को वायरल हो गया, जिसमें कहा जा रहा है कि जांच अधिकारी ने जिन महिला पुलिस कर्मियों से पूछताछ की हैं, वास्तव में वह पीड़ित नहीं हैं।

वास्तविक पीड़ित महिला कर्मचारियों पर दबाव बनाकर उन्हें लालच दिया जा रहा है। इस पत्र में यहां तक कहा गया कि आईपीएस अधिकारी पीड़ित महिला कर्मचारियों से माफी मांगने तथा मामला रफा-दफा करने की एवज में 10-10 लाख रुपये तक देने को तैयार है।

सीएम से निष्पक्ष जांच कराने की मांग

इस पत्र के मुताबिक महिला पुलिस कर्मियों को आईपीएस अधिकारी के पास भेजने वाली दो महिला अधिकारियों ने ही आईपीएस अधिकारी की ओर से पैसा देने की पेशकश की है।

इन महिला कर्मचारियों ने सीएम से कहा है कि यदि वे निष्पक्ष जांच कराएं तो पीड़िताएं सब कुछ बताने को तैयार हैं। इसके लिए एक खुले माहौल में जांच कराने की मांग की गई है, ताकि असलियत सबको पता चल सके।

विधायक विनेश फोगाट बोलीं रक्षक ही भक्षक हो गए

वहीं अब इस मामले में रेसलर व जुलाना विधायक विनेश फोगाट की एंट्री हो गई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल चिट्ठी शेयर करते हुए लिखा कि “जैसे पहलवान बेटियों के रक्षक ही उनके भक्षक हो गये थे, वही इस बार हरियाणा की बेटियों के साथ हरियाणा पुलिस में हो रहा है। मुझे कम ही उम्मीद है कि हरियाणा या केंद्र सरकार इन हरियाणा पुलिस की महिलाओं के साथ न्याय करेंगी। इनकी आवाज़ को या तो दबा चुके होंगे अब तक, या दबाया जा रहा होगा रोज़। सारा पुलिस, राजनीतिक, दलाल तंत्र आपके परिवार और आपको तोड़ देता है और मज़बूर करता है अन्याय के साथ समझौता करने को। लेकिन जिस तरह समाज के हर वर्ग ने हमारा साथ दिया था, हम और सारा समाज भी इनके साथ हैं। दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए।”

रेनू भाटिया बोलीं बख्शा नहीं जाएगा

हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने डीजीपी को अभी तक की गई जांच की रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर देने का आदेश दिया है। इसके साथ आरोपित एसपी को भाटिया ने 30 अक्टूबर को महिला आयोग के सामने पेश होने को कहा है। उन्होंने कहा कि आरोपी चाहे जितने बड़े पद पर हो बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग महिला पुलिसकर्मियों से चीजों का विवरण देने के लिए आगे आने का आग्रह करता है। पुलिस महानिदेशक से सोमवार तक अभी जितनी भी जांच हुई, उसके आधार पर रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही आरोपित आइपीएस अधिकारी को भी महिला आयोग में 30 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया है।

इस मामले में जांच अधिकारी पुलिस अधीक्षक फतेहाबाद आस्था मोदी आज मानव अधिकार आयोग चेयरपर्सन रेनू भाटिया से मिलकर पूरे तथ्यों से अवगत कराएगी। अभी तक की जांच की पूरे विवरण उन्हें दिए जाएंगे। फतेहाबाद एसपी ने जिले में तैनात दूसरी महिला पुलिस कर्मियों को भी जांच के लिए भेजने के आदेश दिए थे। महिला थाने के अलावा जिले में दूसरे थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को फतेहाबाद एसपी कार्यालय भेजा गया।

फतेहाबाद की एसपी प्रस्तुत करेंगी जांच रिपोर्ट

अब तक इस मामले में 43 महिला पुलिस कर्मियों को फतेहाबाद एसपी के समक्ष भेजा जा चुका है। वहीं महिला आयोग ने आईपीएस अधिकारी को मंगलवार को फरीदाबाद कार्यालय में तलब किया है। वहां पर फतेहाबाद की एसपी आस्था मोदी भी आयोग की टीम के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।

इस आईपीएस अधिकारी के निशाने पर रहे हैं कई बदमाश

बताया जाता है कि हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स में काम कर चुके इस आईपीएस अधिकारी के निशाने पर कई बड़े बदमाश और प्रापर्टी डीलर रहे हैं। एसपी आस्था मोदी इस दिशा में भी जांच करने में जुटी हैं कि कहीं गैंगस्टर और प्रापर्टी डीलरों ने बदनाम करने के लिए इस आईपीएस अधिकारियों को किसी षडयंत्र में तो नहीं फंसाया है।

ताजा मामला गुरुग्राम में उनके किसी रिश्तेदार की प्रापर्टी से जुड़ा बताया जा रहा है। प्रापर्टी डीलर ने जब आईपीएस अधिकारी के रिश्तेदारों को डीलिंग के बावजूद प्रापर्टी नहीं दी तो गुरुग्राम के एक थाने में उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया।

आईपीएस अधिकारी बोले- मैंने खुद जांच के लिए लिखा

वहीं, आरोपित आईपीएस अधिकारी ने कहा कि चिट्‌ठी में जिनके नाम हैं, वह सभी कह रहे हैं कि यह हमारी ओर से नहीं लिखा गया है। इसके लिए मैंने फिर भी इन्क्वायरी के लिए रिक्वेस्ट की है। उन्होंने बताया कि जो महिला एसीआर खराब करने की बात कह रही है, उसने भी चिट्ठी से किनारा कर लिया है।

हरियाणा पुलिस संगठन का लीपापोती का आरोप

हरियाणा पुलिस संगठन के पदाधिकारियों ने सोमवार को लघु सचिवालय के बाहर प्रधान दिलावर सिंह की अध्यक्षता में धरना दिया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पीड़ित महिला पुलिसकर्मियों पर डराया जा रहा है। वह और उसका परिवार मानसिक पीड़ा झेल रहा है, इसलिए आईपीएस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करके उसका तबादला किया जाए।

पत्र में जिन दो पुलिस अधिकारियों के नाम हैं, उनको तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाए। आईपीएस अधिकारी को बचाने के लिए जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है। आईपीएस अधिकारी जहां पर भी तैनात रहा है, वहां पर इसी तरह का आचरण रहा है इसलिए मामले की सिटिंग जज से जांच करवाई जाए, क्योंकि हरियाणा पुलिस के अधिकारी निष्पक्ष जांच नहीं पाएंगे। पीड़ित महिला पुलिस कर्मियों को दो माह का अवकाश दिया जाए, ताकि वह बिना डर व भय के अपने बयान दर्ज करा सकें।

आईपीएस अधिकारी के साथ ही उसी जिले में रहीं महिला अधिकारी

पुलिस संगठन के प्रधान दिलावर सिंह, महेंद्र सिंह, ओमप्रकाश ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में आरोप लगाया कि यौन शोषण के प्रयास के मामले में शामिल एक महिला अधिकारी के आइपीएस से लंबे समय से मधुर संबंध रहे हैं। जिस भी जिले में आईपीएस अधिकारी तैनात रहा है, उसके साथ ही महिला अधिकारी भी तैनात रही हैं। इसलिए इस मामले की भी जांच करवाई जाए।

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