महिला पुलिसकर्मी की दादागिरी के बाद सामने आई पुलिस एकता, पीसते रहे दोनों राज्यों की रोडवेज बस यात्री 

क्या सारे फसाद की जड़ महिला पुलिसकर्मी पर करेगी हरियाणा पुलिस कार्रवाई?

राजस्थान परिवहन द्वारा हरियाणा के डीजीपी को महिला कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा पत्र 

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन द्वारा हरियाणा पुलिस की कार्रवाई और पुलिसकर्मी की दादागिरी को लेकर कुछ नहीं बोला गया?

अशोक कुमार कौशिक 

राजस्थान और हरियाणा रोडवेज के बीच पिछले तीन-चार दिनों से चल रहा विवाद सुलझ गया है। आपसी सहमति से बात बनने के बाद दोनों राज्यों में बसों का संचालन बहाल हो गया है। हरियाणा पुलिस की एक महिला कांस्टेबल के साथ टिकट को लेकर राजस्थान रोडवेज के परिचालक का विवाद हुआ था। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने बड़ी संख्या में राजस्थान रोडवेज की बसों के चालान काटे।

इसके बाद हरियाणा पुलिस एक्शन में आई और दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर राजस्थान रोडवेज की 50 से ज्यादा बसों के चालान काट दिए। फिर राजस्थान पुलिस ने भी हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान काटना शुरू कर दिया है। उच्च स्तरीय दखल के बाद मामला खत्म हो गया है। साथ ही, दोनों राज्यों के बीच बसों का संचालन फिर से शुरू हो गया है। इस विवाद में सबसे ज्यादा परेशान दोनों राज्यों के बस यात्री रहे जिन्हें पुलिस की हठधर्मिता के कारण समय, गर्मी और देरी का सामना करना पड़ा।

पूरे मामले में हरियाणा पुलिस की दिखी एकता, खुल गई कानून की पोल

यहां सवाल कुछ खड़े हो गए है जिसका हरियाणा पुलिस को जवाब देना आवश्यक है कि एक अदना सी महिला पुलिसकर्मी क्या पुलिस एकता एवं मुफ्तखोरी का उदाहरण बन गई? दूसरों को कानून का पाठ पढ़ने वाली पुलिस खुद कानून पर अमल क्यों नहीं करती? अगर हरियाणा पुलिस वास्तव में ही कानून का पालन करवाना अपना कर्तव्य समझती तो वह केवल राजस्थान रोडवेज को टारगेट क्यों बना रही थी? वैसे तो हरियाणा में हरियाणा रोडवेज भी चलती है, क्या हुआ सभी नियमों का पालन करती है? शायद ही कोई हरियाणा रोडवेज चालक सीट बेल्ट का उपयोग करता हो। अक्सर बस चालक मोबाइल पर वाहन चलाते समय बात करते देखे जा सकते हैं। कानून तो हरियाणा रोडवेज, राजस्थान, पंजाब दिल्ली उत्तराखंड परिवहन व अन्य वाहनों पर सबके लिए एक जैसा है? या फिर यदि आपके पुलिस सहयोगी ने टिकट नहीं ली तो आप कानून का पाठ पढ़ाने लग गए? यह कौन सा न्यायोचित है? हरियाणा पुलिस के उच्च अधिकारियों को चाहिए था जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ इसकी जांच करते और दादागिरी करने वाली महिला पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करते ताकि भविष्य में इस तरह के विवाद ना पैदा हो।

हरियाणा पुलिस की एक तरफा कार्रवाई के बाद प्रत्यूतर राजस्थान पुलिस को मैदान में आई। उसने ने केवल बसों के चालान काटने शुरू किया अपितु बसों को इंपाउंड भी करना शुरू कर दिया। इसके बाद हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों में हलचल मच गई, क्योंकि हरियाणा रोडवेज का नियम है किसी प्रकार का भी चालान होने पर बस चालक को ही वह वहन करना पड़ता है। इसके बाद हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन मैदान में आई उसने राजस्थान पुलिस की कार्रवाई की तो निंदा की और बसें बंद करने की चेतावनी दी पर कहीं भी हरियाणा पुलिस की महिला पुलिसकर्मी को गलत नहीं ठहराया। प्रदेश भर के रोडवेज कर्मचारी संगठन नेताओं हरियाणा पुलिस की कार्रवाई को लेकर दो शब्द भी नहीं बोले?

क्या था पुरा मामला 

दरअसल, अटेली धारुहेड़ा जाते समय हरियाणा पुलिस की एक महिला कांस्टेबल ने राजस्थान की बस में टिकट नहीं कटवाई। इसको लेकर कंडक्टर के साथ विवाद हुआ। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। राजस्थान रोडवेज की दलील थी कि पुलिस जवानों को बसों में मुफ्त सफर की इजाजत नहीं है। इतना ही नहीं, इस संदर्भ में हरियाणा के डीजीपी को महिला कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा गया।

इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि दोनों राज्यों की सरकारों तक यह विवाद पहुंच गया। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से डीजीपी को पत्र लिखने के साथ-साथ राजस्थान सरकार को भी पूरी घटना से अवगत करवाया गया।

इस घटना के दो दिन बाद एकाएक हरियाणा में राजस्थान परिवहन की बसों के चालान काटने शुरू कर दिए गए। राजस्थान सीमा में हरियाणा की 76 बसों के चालान काटे गए और 8 बसों को जब्त भी किया गया। इसी तरह हरियाणा में भी राजस्थान की 100 से अधिक बसों के चालान काटे गए।

यहां बता दें कि राजस्थान सीमा में हरियाणा की करीब 300 से अधिक बसें संचालित होती हैं। ये जयपुर सहित कई जिलों में चलती हैं। वहीं दूसरी ओर, राजस्थान रोडवेज की 300 से अधिक बस हरियाणा होते हुए दिल्ली जाती हैं।

हरियाणा के अलावा पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित कई राज्यों की बसें राजस्थान में संचालित होती हैं। हरियाणा और राजस्थान सरकार के बीच उच्चस्तरीय वार्ता के बाद पिछले दो दिनों से चल रहा विवाद सुलझ गया।

” हरियाणा और राजस्थान रोडवेज के बीच चालान को लेकर हुए विवाद को निपटा लिया गया है। हरियाणा रोडवेज और राजस्थान रोडवेज के बीच अब मामला सैटल हो गया है। इस संदर्भ में अधिकारियों से बात की गई और पूरी रिपोर्ट लेने के बाद मामले को खत्म किया गया। बसों का संचालन फिर से शुरू हो गया है।” ……-अनिल विज परिवहन मंत्री हरियाणा 

नारनौल डिपो की 14 गाड़ियों का हुआ चालान

नारनौल डिपो की लीज पर चलने वाली चार बसें सोमवार को राजस्थान के लिए नहीं गई। वहीं आज भी नारनौल डिपो की एक गाड़ी का चालान किया गया। इस प्रकार नारनौल डिपो की 14 बसों का चालान किया गया है। वहीं चार बसों को इंपाउंड भी किया गया है। राजस्थान रोडवेज की बसों की चालान होने के बाद अब राजस्थान में हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान होने लगे। गत दिवस नारनौल डिपो की 14 बसों के चालान किए गए थे। 

गुरुग्राम डिपो की 10 बसों पर 16 हजार का जुर्माना लगाया गया है। सोमवार को गुरुग्राम डिपो की दस बसें जयपुर, खाटूश्याम, नीमराणा समेत चार रूटों पर बसें गई थी। राजस्थान ट्रैफिक पुलिस ने वर्दी नहीं होने, सीट बेल्ट नहीं लगाने समेत कई प्रकार के नियमों की अनदेखी करने के आरोप में बसों पर 16 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। गुरुग्राम रोडवेज डिपो के महाप्रबंध प्रदीप कुमार ने बताया कि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी रूटों पर बसों का संचालन किया जा रहा है।

रेवाड़ी की दो बसों के चालान हो चुके हैं। वहीं रेवाड़ी से राजस्थान के विभिन्न जिलों में 15 रोडवेज की बसें रोजाना आती-जाती हैं। अभी जो चालक राजस्थान में बस लेकर जा रहे हैं, उन्हें डर लगा रहता है कि पुलिस उनका चालान ना कर दे। 

चालकों ने कागज तो अपने पूरे रखे हुए हैं, फिर भी चालान कटने का डर बना रहता है। माहौल बिल्कुल बदल चुका है। रेवाड़ी से राजस्थान की दूरी ज्यादा नहीं है। ऐसे में बसों को राजस्थान में प्रवेश करने में भी कुछ समय ही लगता है। पूरे मामले में समस्या यह है कि यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ता है। बीच रास्ते में रोककर राजस्थान पुलिस देर तक बस को रोककर चेकिंग करती है। आरोप है कि कोई न कोई कमी निकाल ही देती है। इससे लोगों का समय भी बर्बाद होता है। 

फिलहाल जब तक दोनों राज्यों में विवाद नहीं सुलझ जाता तब तक स्थिति इसी प्रकार से बनी रहेगी। अधिकारियों की तरफ से मामला मुख्यालय को अवगत करा दिया गया है। उम्मीद है कि विवाद जल्द से जल्द सुलझ जाएगा।

चालान काटने की पहल हरियाणा पुलिस ने की 

चालान काटने की शुरुआत पहले हरियाणा पुलिस ने की थी। वहीं अब राजस्थान पुलिस भी इस मामले में पीछे नहीं है। राजस्थान पुलिस ने हरियाणा रोडवेज बसों के 90 चालान काट दिए हैं। यदि जल्द ही इस मामले में आलाधिकारियों ने इस मामले में दखल नहीं दिया तो यह विवाद और ज्यादा बढ़ सकता है। राजस्थान के जयपुर में हरियाणा रोडवेज के 86 बसों के चालान कटे हैं। इससे पहले हरियाणा पुलिस ने राजस्थान रोडवेज की 50 से ज्यादा बसों के चालान काटे थे। राजस्थान रोडवेज का दावा है कि पिछले तीन दिनों में 90 से ज्यादा बसों के चालान हरियाणा पुलिस काट चुकी है। हरियाणा रोडवेज की चार बसों को इंपाउंड जयपुर में तथा चार अन्य स्थानों पर किया गया।

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