* गैंगस्टर चीकू सहित 2 को दबोचा, अटेली रंगदारी की मामले को भी कबूला, 2 दिन का पुलिस रिमांड।
* अवैध हथियार की सूचना पर नारनौल पुलिस का छापा, गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू गिरफ्तार।
* हथियारो की बरामदगी व पूरे मामले को लेकर पुलिस की चुप्पी।
* सरकार से सैनिक की विधवा पत्नी और चीकू की मां ने लगाई गुहार, पुलिस कर रही है परेशान।

भारत सारथी/कौशिक

नारनौल । आज मोहनपुर गांव के लोग सोकर उठे भी नहीं थे कि एकाएक जिला महेंद्रगढ़ की पुलिस दल बल के साथ दबिश देने पहुंच गई। तड़के  तड़के भोर होते ही पुलिस को देख कर ग्रामवासी अवाक थे। नारनौल पुलिस  गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू को पुलिस टीम के किला नुमा घर पर दबिश देने पहुंची थी। 

पुलिस ने गांव को चारों ओर से घेर लिया। टीम में करीब 100 पुलिस कर्मी शामिल थे। इसके बाद पुलिस ने घर की घेराबंदी की। मकान के अंदर जाकर एक एक कमरे की जांच पड़ताल की। बताया जा रहा है कि मकान के अंदर ऊपरी मंजिल पर जिम की दरवाजा बंद मिला। यहां का लाक तोड़कर गेंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू को पकड़ा गया और पुलिस टीम अपने साथ ले गई। नारनौल पुलिस द्वारा करीब सुबह सवा सात बजे गांव मोहनपुर गांव से गिरफ्तार कर लिया गया। 

पुलिस प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया है की महेंद्रगढ़ पुलिस ने आज फिरौती मांगने के मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान सुरेंद्र वासी मोहनपुर व विकास वासी बलाह खुर्द के रूप में हुई है। आरोपितों के खिलाफ नांगल चौधरी थाने में चोरी करने व फिरौती मांगने के मामले में मुकदमा दर्ज था। आरोपी के घर पर माननीय अदालत के आदेशानुसार सर्च वारंट के साथ रैड की गई। पुलिस ने आरोपितों को गांव मोहनपुर से गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अटेली थाना में दर्ज फिरौती मांगने के मामले को कबूला है। आरोपितों को नारनौल अदालत में पेश किया गया। न्यायालय ने आरोपितों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस प्रवक्ता की ओर से अभी यह नहीं बताया गया कि छापे में कितना हथियार बरामद हुआ।

यूं तो सुरेंद्र उर्फ चीकू को भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का वरदहस्त प्राप्त है। वह भाजपा के इस नेता के बेटे के पत्थर खनन, भूमि प्लाटिंग व अन्य व्यवसायिक क्षेत्र में भागीदारी बताई जा रही है। जिला महेंद्रगढ़ में तीन गैंगस्टर गिरोह लंबे पिछले समय से सक्रिय थे। कुख्यात गैंगस्टर पपला के राजस्थान पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद चीकू पर भी कार्यवाही का अंदेशा जताया जा रहा था। पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन भी चीकू को लेकर बनी एक एसआईटी टीम के सदस्य हैं। पुलिस अधीक्षक काफी लंबे समय से प्रयासरत थे पर शायद राजनीतिक के चलते वह कुछ कर सकने में सक्षम नहीं हो पाए।

यूं तो चीकू के पुलिस में गहरे संबंध है। इसी दीपावली पर उसने जिले के अधिकारियों के साथ साथ मीडिया कर्मियों तथा पुलिसकर्मियों को को उनके पद के अनुरूप उपहार कूपन उपलब्ध करवाए थे। आज की दबिश को पूरी तरह गोपनीय रखा गया। मोहनपुर में दबिस की प्लानिंग इस तरह से बनाई गई कि बात बाहर नही निकल सके।सुबह मुंह अंधेरे पुलिस फ़ोर्स को तैयार कर रेड के लिए रवाना किया गया। लेकिन अधिकारियों के सिवाय किसी को नही पता था कि जाना कहाँ हैं। जिस समय मोहनपुर में चीकू के घर के सामने गाड़ियां रुकी तभी कर्मचारियों को पता लगा कि रेड कहाँ हैं। इससे पहले जिला में जब भी कहीं अपराधियों पर रेड हुई तो सूचना पहले ही उन तक पहुंचती रही है।

पुलिस ने छानबीन करते समय कमरे के सामान को बिखेर दिया। पुलिस लगातार अपनी कार्रवाई में लगे रहे पूरी कार्रवाई होने के बाद सुरेंद्र उर्फ चीकू को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन मौका ए वारदात से पुलिस को कोई हथियार बरामद हुआ या नहीं, इस पूरे मामले में पुलिस बोलने से कतरा रही है। शायद राजनीतिक आकाओं का दबाव इसका एक कारण हो सकता है। 

जिला महेन्द्रगढ़ में चीकू गैंग व डाक्टर गैंग के बीच वर्चस्व की लड़ाई जगजाहिर है। कुछ दिनों पहले नांगल चौधरी व अटेली थाना में चीकू के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था, जिसमें जान से मारने की धमकी देने व जबरदस्ती जमीन लेने सहित अनेक आरोप लगे थे। लेकिन इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद भी जिला पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी रही।

गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू की गिरफ्तारी के बाद मीडिया कर्मी भी पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं चीकू की मां की आड लेकर मीडिया वाले पुलिस कार्रवाई को अनुचित ठहरा रहे हैं। आखिर यह लोग जनता को यह क्यों नहीं बता रहे कि गैंगस्टर चीकू समय-समय पर अपनी माता के नाम पर जनहित के कार्य क्यो करता रहा है। अब वह राजनीति में भी अपने हाथ आजमाने की सोचने लगा है। करोना काल में भी उसने माता के नाम पर सामान्य अस्पताल नारनौल में बड़ी मशीनें दान की थी। इसके अलावा वह अपनी छवि एक बदमाश से हटाकर लोकसेवक के रूप में करना चाहता है।

 — कृष्णा देवी चीकू की मां

  उधर, चीकू की माता एक सैनिक की विधवा पत्नी है। उसका आरोप है कि वह अपने परिवार के साथ मोहनपुर गांव मे रहती है।  घर में बहू है, जवान बेटी है, व एक बेटा खेती बाड़ी का काम करता है । सैनिक की विधवा पत्नी ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि साल 2006 में ही सुरेंद्र चीकू को उन्होंने बेदखल कर दिया था,  फिर भी पुलिस ने आज सुबह दो घंटे तक परिजनों को परेशान किया। पर वह यह बताने में भी विफल रही की कि आखिर चीकू अपने पैतृक आवास को किले नुमा सुरक्षित गढ़ बना कर यहां से सभी गतिविधियां क्यों चालू रखे हुए था।लेकिन पुलिस के द्वारा चीकू की मां को परेशान किए जाने के बाद एक बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है कि आखिर जब चीकू को जायदाद से बेदखल कर ही दिया गया था तो बावजूद उसके भी उसके परिजनों को परेशान कर पुलिस आखिर क्या साबित करना चाहती थी।