-कमलेश भारतीय बहुत प्यारा गीतचलो दिलदार चलोचांद के पार चलो ,,,आज चांद के पार तो नहीं, चांद पर रहने की खबर आई है । पहले चांद एक सपना था । चंदामामा हम सबका । जैसे हमारे घर का सदस्य । पर चंदा मामा दूर के । पहले कवियों ने चांद को बहुत महिमामंडित किया लेकिन जब विज्ञान ने चांद दिखाया तो कवि तो कवि चांद भी शरमा कर रह गया ।तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता हैतेरे आगे चांद पुराना लगता है,,,जगजीत सिंह की गायी यह गज़ल भी कुछ ऐसा ही इशारा कर रही है ।आसमान से चांद भी जब देखता होगा ,,,जैसे गाने भी आए । चांद पर पहुंचने पर जबर राकेश से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूछा था कि कैसा लगता है तो जवाब था-हमारा भारत सब पे प्यारा । सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा । सच है । अब न वे राकेश रहे और न ही इंदिरा गांधी और न ही सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा रहा ।जहां डाल डाल पर सोने कीचिड़ियां करती हैं बसेरावो भारत देश है मेरा,,,नहीं मेरे भाईजहां पल प्रतिपलबढ़ते हैं पेट्रोल , गैस ,डीज़ल के दामवो भारत देश है मेरा ।जहां मोर्चे पर बैठे हैं किसानऔर दे रहे अपनी जानवो भारत देश है मेरा ,,,जय भारती,,,जय भारती ,,,जहां हर राज्य की सरकार की खरीद के लिए लगाये डेरावो भारत देश है मेराजहां बिकाऊ हैं हमारे जन प्रतिनिधिवो भारत देश है मेराजहां कदम कदम परनारी का होता हो अपमानवो भारत देश है मेरा ,,,कश्मीर में भी घर बनाने और दुल्हन लाने जैसे लुभावना नारे दिये गये लेकिन अभी रहने लायक तो बना दीजिए कश्मीर को ।पश्चिमी बंगाल में चुनाव और भाजपा को उतारने पड़ रहे सांसद । टिकट लेने को तैयार नहीं कोई और नारा दो नौ पार का । जैसे हरियाणा में जवाब में कहा गया-यमुना पार कर देंगे । मुश्किल से सरकार बना पाये । नारे तो ऐसे देते हैं कि जैसे सब अपनी मुट्ठी में हो । न हो तो कोई बात नहीं बाद में खरीद लेंगे । इसलिए चलो दिलदार चलो, बहुमत के पार चलो Post navigation राजनीति की जीवन रेखा : एसवाईएल अग्रोहा में हाईवे पर अधूरी पड़ी सर्विस लाइन के कारण लगभग 13 व्यक्ति अपनी जान गवा चुके हैं – बजरंग गर्ग