सब्जी व अनाज मंडियों की पॉलिसी 31 मार्च तक हो जाएगी फाइनल: अभय सिंह
नारनौल: रामचंद्र सैनी
हरियाणा के विभिन्न जिलों में जमीन अधिगृहित करके बनाई गई नई मंडियों की संशोधित पॉलिसी को आगामी 31 मार्च तक फाइनल करके अंतरिम रूप दे दिया जाएगा। इसके बाद प्रदेशभर के उन व्यापारियों को आवंटित दुकान व दुकानों के प्लाटों के रेटों में राहत मिलेगी, जो काफी समय से सरकार से रेट कम करने की मांग कर रहे थे। यह जानकारी चंडीगढ विधानसभा सेशन के दौरान ही फोन पर नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह ने दी। डा. अभय सिंह यादव ने बताया कि नांगल चौधरी व नारनौल मंडियों के सब्जी व अनाज व्यापारियों ने कई बार उनसे मिलकर मुख्यमंत्री के समक्ष उनका मामला रखने की मांग की थी। डा.अभय सिंह ने इस संवाददाता को बताया कि वैसे तो सरकार ने पिछले काफी समय पहले ही इस पॉलिसी पर कार्य शुरू कर दिया था लेकिन किन्हीं कारणों से इसको अंतिम रूप देने में समय लग रहा था।
डा.अभय सिंह ने बताया कि नारनौल मंडियों के व्यापारियों ने पिछले दिनों उनसे मुलाकात करके बताया था कि पॉलिसी को अंतिरम रूप ना मिल पाने के कारण नई मंडियों में लाइसेंसधारी अलाटियों की कई किस्ते बकाया हो गई है और उनके पास ब्जाज सहित एक-एक व्यापारी के पास 60 से 90 लाख तक रुपये जमा करवाने के नोटिस आ गए हैं। यहां यह भी बता दें कि मंडियों के व्यापारी पिछले कई सालों से यह मांग करते चले आ रहे हैं कि सरकार लाइसेंसधारी आढतियों को मंडियों की लागत मूल्य पर थोडा मुनाफा लेकर ही दुकान अलाट करें लेकिन पिछली सरकार में भारी भरकम सरकारी रेट तय करके लाइसेंसधारियों को भारी भरकम रेटों में दुकान दी गई थी।
व्यापारी इसे बहुत ज्यादा बताते हुए कोर्ट तक भी गए थे। सरकार के पिछले कार्यकाल में भी व्यापारियों ने जिला के विधायकों एवं मंत्रियों के माध्यम से सरकारी रेट में राहत देने की मांग की थी। गत विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने पूरे प्रदेश के व्यापारियों को राहत देने के लिए इस पर विचार करके पॉलिसी में संशोधन करके करीब 30 से 35 प्रतिशत रेट कम करने की बात कही थी, लेकिन इसके बाद भी पॉलिसी पर फाइनल निर्णय नहीं हो पाया था।
अब नांगल चौधरी के विधायक डा.अभय सिंह ने बताया कि विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने अलग से इस मामले में मुख्यमंत्री बातचीत की तो उन्होंने आश्वस्त किया कि 31 मार्च तक इस पॉलिसी को फाइनल रूप दे दिया जाएगा। विधायक ने बताया कि इस पॉलिसी के फाइनल हो जाने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों के अलावा नांगल चौधरी व नारनौल मंडियों के व्यापारियों को विशेष रूप से फायदा होगा, क्योंकि सबसे अधिक लंबे समय से यह मांग इन व्यापारियों द्वारा ही उठाई जा रही थी।