–बिना नक्शा स्वीकृत बन रहे भवन होंगे सील नारनौल, रामचंद्र सैनी शहर में नगर परिषद की जमीनों पर आए दिन हो रहे अवैध कब्जों तथा बिना नक्शा स्वीकृत अवैध भवनों के निर्माण के प्रति अब नगर परिषद ने सख्ती की कवायद शुरू कर दी है। अपनी इस कवायद के तहत नगर परिषद ने अब ऐसे भवनों को सील करने का निर्णय लिया है, जिनका निर्माण बिना नगर परिषद की अनुमति और बिना नक्शा स्वीकृत किया जा रहा है। इसके लिए नगर परिषद कार्यकारी अभियंता अंकित वशिष्ठ एवं कार्यकारी अधिकारी केके यादव का हस्ताक्षरित एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया गया है। नप के अधिकारियों ने कहा है यह सार्वजनिक नोटिस शहर के उन तमाम लोगों पर लागू रहेगा जो नप की बिना इजाजत नगर परिषद की सीमा क्षेत्र में कही पर भी निर्माण कार्य कर रहे हैं। नप अधिकारियों ने बताया कि यह नोटिस मीडिया के माध्यम से प्रकाशित होने के बाद किसी भी निर्माणकर्ता को उनके नाम से अलग नोटिस नहीं दिया जाएगा। नोटिस में कहा गया है कि नगर परिषद के अधिकारियों के संज्ञान में आया है कि नारनौल नगर परिषद की सीमा क्षेत्र में चल रहे भवन निर्माण साइटों पर नप के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा जब भी निरीक्षण किया जाता है तो निर्माणकर्ताओं द्वारा स्वीकृत नक्शा, अनुमति या मलकियत के दस्तावेज दिखाने की बजाय उनसे दुव्र्यवहार किया जाता है। इतना ही नहीं निर्माणकर्ताओं द्वारा गलत नाम एवं सूचना देकर नगर परिषद को गुमराह किया जाता है जो सरासर नगर पालिका एक्ट 1973 के प्रावधानों की अवहेलना है। नप के कार्यकारी अभियंता व कार्यकारी अधिकारी के हस्ताक्षरित इस सार्वजनिक नोटिस में लिखा है कि इसलिए नप ने निर्णय लिया है कि नगर परिषद सीमा क्षेत्र में जितने भी निर्माण बिना नक्शा स्वीकृत या बिना अनुमति के किए जा रहे हैं उनको तुरंत प्रभाव से पालिका एक्ट 1973 की धारा 208ए के तहत सील किया जाएगा। ऐसे लोगों को इस सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाता है कि वे अवैध निर्माण भवनों एवं स्थलों से निर्माण सामग्री व उपकरण आदि तुरंत प्रभाव से हटा ले अन्यथा इसका हर्जा खर्चा भी निर्माणकर्ताओं से वसूला जाएगा। नोटिस में यह भी कहा गया है कि सील किए गए भवनों में बिना अनुमति या नक्शा स्वीकृति के पुन: निर्माण कार्य किया जाता है या सील से किसी प्रकार की छेडछाड की गई तो उन लोगों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी, जो ऐसा करने में संलिप्त पाया जाएगा। इसी सार्वजनिक नोटिस पर होगी कार्रवाई: केके यादवइस बारे में नप के इओ केके यादव ने बताया कि पालिका एक्ट 1973 के तहत ही यह सार्वजनिक नोटिस नियमों के अनुसार प्रकाशित करवाया जा रहा है। इस नोटिस के बाद से किसी व्यक्ति विशेष को उसके नाम से नोटिस देने की प्रक्रिया जरूरी नहीं होती है। इसलिए अब भविष्य में यदि कोई निर्माणकर्ता गलत सूचना या नाम देकर भी गुमराह करता है तो उस पर इस नोटिस के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। Post navigation ये बैंक वाले हड़ताल पर क्यों हैं? क्या इन्हें बैंकों के निजीकरण के फायदे नहीं मालूम? सब्जी व अनाज मंडियों की पॉलिसी 31 मार्च तक हो जाएगी फाइनल: अभय सिंह