-लोगों में प्रशासन व नगर परिषद के प्रति भारी रोष नारनौल,(रामचंद्र सैनी): नारनौल में पिछले कई महीनों से आवारा सांडों व गौवंश का जमकर कहर बरप रहा है लेकिन जिला प्रशासन व नगर परिषद के अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद नहीं खुल रही है। रविवार शाम को दो सांडों की लडाई की चपेट में आने से चार महिलाएं व दो बच्चे घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए नारनौल के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्चों व दो महिलाओं को मामूली चोट होने के कारण प्राथमिक उपचार के बाद छुट्ट्टïी दे दी गई लेकिन दो महिलाओं को गंभीर चोटे आने के कारण उपचार में लिए भर्ती रखा गया है। घायलों में बिमला पत्नी सुभाष चंद, शारदा पत्नी सुभाषचंद सैनी, मोना पुत्री बंशीधर व संतोष पत्नी मुंशीराम शामिल है। इनके अलावा दो बच्चे भी शामिल है। घायलों में शारदा व संतोष तथा बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है जबकि बिमला को गंभीर चोट होने के कारण अस्पताल में ही भर्ती रखा गया है। यहां बता दें कि पिछले कुछ महीनों से नारनौल में आवारा सांड व गौवंश आम लोगों पर मौत के साये की तरह मंडरा रहे हैं। मुख्य सडकों के अलावा भीडभाड व बाजारों में आए दिन लडने वाले ये सांड आम लोगों के साथ-साथ दुकानदारों के लिए जानमाल के दुश्मन बन चुके हैं। ऐसा नहीं है कि इन मामलों से जिला प्रशासन व नगर परिषद अनभिज्ञ है। सब कुछ प्रशासन व नप की नाक के तले होते हुए भी प्रशासन व नगर परिषद मूक दर्शक बनकर लोगों की मौत का मंजर देखने को बेताब है। इससे पहले भी आवारा सांडों की लडाई में नारनौल में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, इसके बाद भी जिला में किसी अधिकारी और संबंधित विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। सलामपुरा में आवारा सांडों की चपेट में घायल महिलाओं के बाद से लोगों में भारी रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन व अन्य अधिकारियों की चापलूसी करने वाले शहर के गणमान्य व नेताओं को आम जन से जुडी इस समस्या की तरफ ध्यान क्यों नहीं जाता है। ये लोग जिला प्रशासन के समक्ष इस तरह की आमजन की जिंदगी से जुडी समस्याओं को क्यों नहीं उठाते हैं। जिला नगर आयुक्त ने नहीं उठाया फोन इस बारे में जब जिला नगर आयुक्त डा. जेके आभीर से बातचीत करनी चाही तो उन्होंने कई बार फोन करने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया। आवारा सांड यहां के नहीं राजस्थान के हैं: भारती इस बारे में नगर परिषद की चेयरपर्सन भारती सैनी का कहना है कि शहर में घूूमने वाले आवारा सांड व गौवंश राजस्थान व आसपास के लोगों द्वारा छोडे गए हैं। शहर के आवारा गौवंश को नगर परिषद की नंदी गौशाला में रखा गया है। नप समय-समय पर इनको पकडने का अभियान चलाती है। अब जो बाहर से छोडे गए आवारा हिंसक पशु शहर में घूम रहे हैं उनको भी पकडकर नंदी गौशाला व अन्य गौशालाओं में रखा जाएगा। Post navigation भाजपा में शिवपाल यादव को लेने की कहानी काफी आगे बढ़ चुकी है, पर अभी शिवपाल को कोई जल्दी नही है ! पंजाब के सभी भाजपा विधायक कांग्रेस में शामिल