भिवानी/धामु  

महाराणा प्रताप महिला महाविद्यालय के प्रांगण में हिंदी विभाग तथा हरियाणा साहित्य अकादमी पंचकुला के तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार हरियाणा के लोक काव्य में भावना और संभावना विषय पर आयोजित किया गया। समारोह में देशभर के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों से शिक्षकों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए तथा लोक काव्य वर सार्थक गंभीरता से विचार विमर्श किया।

सेमिनार में मुख्यअतिथि के रूप में चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के उपकुलपति डाक्टर आरके मित्तल उपस्थित हुए तथा विशिष्ट अतिथि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव राजीव प्रसाद ने शिरकत की। बिटस ग्रुप ऑफ इंस्टिटयूशन के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक शशि रंजन परमार ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता आदर्श महिला महाविद्यालय की हिन्दी विभागाध्यक्ष डाक्टर मधुमालती ने की।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि प्रो.आरके मित्तल ने कहा कि लोक साहित्य जीवन की सामुहिक अभिव्यक्ति है। लोक की जीवंतता ही लोग काव्य का प्राणतत्व है। उन्होंने कहा कि लोकसाहित्य की समृद्धि को उजागर करने में इस प्रकार के सेमिनारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बोर्ड सचिव  राजीव प्रसाद ने कहा कि लोक काव्य की विशिष्टता इसमें है कि वह जीवन के यथार्थ को तथा समाज सत्य  को सहज भावना से व्यक्त करता है। इस अर्थ में लोक केवल शब्द नहीं एक सांस्कृतिक प्रक्रिया है। इस दौरान बीज वक्तव्य पर प्राचार्य डाक्टर जेपी शर्मा, मुंबई से डाक्टर वंदना तिवारी, दिल्ली से डाक्टर राधेश्याम कौशिक ने अपने शोध प्रस्तुत किए।

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