गुरूग्राम की सड़को को बेसहारा पशुओं से मुक्त कराने पर हुआ मंथन – गौशालाओं को आत्म निर्भर बनाने पर किया गया विचार

गुरुग्राम, 10 मार्च। पशु कु्ररता निवारण समिति की बैठक आज उपायुक्त डा. यश गर्ग की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित की गई जिसमें गुरूग्राम की सड़को को बेसहारा पशुओं से मुक्त बनाने और जिला की गौशालाओं को आत्म निर्भर बनाने पर विचार किया गया। 

बैठक में उपायुक्त ने समिति के सदस्यों तथा पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डा.पुनिता को निर्देश दिए कि वे सभी गौशालाओं के लिए प्राथमिकताओं का निर्धारण करें और उसके बाद उन्हें पूरा करने की रूपरेखा बनाएं। कुछ गौशालाओं ने आज की बैठक में उनके यहां वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू करने के प्रस्ताव रखा जिससे कि उनकी आमदनी बढेगी। उदाहरण के तौर पर सिलानी गौशाला की ओर से बताया गया कि उन्होंने गायों को चारा डालने का कार्य एक मशीन से शुरू किया है जिससे कम श्रमिकों की आवश्यकता होती है। उन्होंने अपने यहां रसगुल्ला बनाने की मशीन लगवाने और ग्राम पंचायत की मदद से गाय के गोबर से केंचूआ खाद बनाने के लिए टिनशैड लगवाने का आग्रह किया। इसी प्रकार, श्री मोनी बाबा गौशाला कासन ने कंडे बनाने का प्रस्ताव रखा। सभी गौशालाओं के प्रतिनिधियों के सुझाव देने के बाद उपायुक्त डा. गर्ग ने अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पंवार की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जो सभी गौशालाओं की प्राथमिकताआंे का अध्ययन करके उन्हें पूरा करवाने का प्रयास करेगी। 

बैठक में बताया गया कि जिला में बेसहारा गौवंश के पहले करवाए गए सर्वे में 6550 का आंकड़ा आया था जिनमें से अब लगभग 250 गौवंश बचा है। बाकि को विभिन्न गौशालाओं में भेज दिया गया है। जिला को 2015 से लेकर अब तक तीन बार आवारा पशु मुक्त घोषित किया जा चुका है। पशु पालन विभाग की उपनिदेशक डा. पुनिता ने बताया कि अब गुरूग्राम जिला में आवारा पाए जाने वाले सांडों का बंदीकरण करवाया जा रहा है और लिंग आॅडिट सीमन तकनीक की मदद से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गायों की आने वाली संताने बछिया ही होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि कार्टरपुरी में नगर निगम की 8.5 ऐकड़ में कामधेनु गौशाला तथा 5 ऐकड़ में नंदीधाम बना हुआ है। इनमंे लगभग तीन हजार गाय व नंदी हैं। उपायुक्त ने इसकी विस्तार की संभावनाओं का पता लगाने के आदेश देते हुए मृत पशुओं के निपटारे के लिए विद्युत संचालित व्यवस्था करवाने के आदेश दिए हैं। यह भी बताया गया कि पटौदी की प्राचीन हनुमान मंदिर गौशाला में अपाहित गायांे को ही रखा जा रहा है। रामपुर गौशाला पटौदी के संचालको ने आंगन को पक्का करवाने की मांग रखी। इसी प्रकार, हेड़ा हेड़ी गौशाला में भी फर्स पक्का करवाने और बसई गौशाला में संचालित अस्पताल में एक्सरे मशीन लगवाने की मांग की गई। 

इस बैठक में पशु कु्ररता निवारण समिति के अध्यक्षत डा. एसपी गौतम, अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पंवार, पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार, सोहना की एसडीएम डा. चिनार भी उपस्थित थे। 

गुरूग्राम शहर में आवारा कुत्तो तथा बंदरों के प्रकोप को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है और इस समस्या का समाधान करने की दिशा में प्रशासन ने काम भी शुरू कर दिया है।उपायुक्त डा. यश गर्ग ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को शहर में आवारा कुत्तों तथा बंदरों की समस्या का आंकलन करके उसके समाधान की मौजूदा व्यवस्था पर रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों और बंदरों के प्रकोप के बारे में उन्हें शहर वासियों से शिकायतें मिल रही हैं जिस पर जिला प्रशासन को नगर निगम के साथ मिलकर एक समन्वित हल तलाशने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों का बड़े पैमाने पर बंदीकरण करने और बंदरों को पकड़ने की व्यवस्था नगर निगम को करनी चाहिए।

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