भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। हरियाणा युवा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष व पूर्व विधायक नरेश यादव ने एसवाईएल नहर के शीघ्र निर्माण एवं हाँसी बुटाना लिंक नहर के माध्यम से 1500 कुइसिक फ़ीट पानी दक्षिणी हरियाणा के आखिरी छोर तक पहुँचाने के लिए हरियाणा व पंजाब विधानसभा के सभी सदस्यों को समर्थन पत्र दिया और इन माँगो पर सर्वसम्मिति बनाने की माँग की जिससे प्यासी धरती की प्यास बुझ सके।

 श्री यादव ने मुख्य रूप से भूपिंदर सिंह हूड्डा (विपक्ष के लीडर), विधान सभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, श्री देवेन्दर सिंह बबली, श्री शमशेर सिंह गोघि, श्री आफ़ताब अहमद, बरनाला (पंजाब)से विधायक श्री मिथेर, बुदलाडा(पंजाब)से विधायक बुधराम, श्री राम कुमार गौतम, श्री घनश्याम श्राफ, चौधरी ईश्वर सिंह, श्रीमती गीता भुक्कल, राउ दान सिंह, श्री धर्म सिंह छोक्कर आदि को निजी तौर से ज्ञापन सौंपा एवं पंजाब व हरियाणा के सभी विधायकों को ईमेल और वाटॅसएैप के द्वारा एसवाईएल और हाँसी बुटाना नहर के मुद्दे पर सर्वसम्मिति प्रस्ताव पारित करने की माँग की।

श्री यादव ने इस अवसर पर कहा कि पिछले तीन दशकों से एसवाईएल मुद्दे को लेकर हरियाणा में केवल राजनीति हो रही है। हर नई सरकार पानी लाने का दावा तो करती रही है लेकिन हल कोई भी नहीं निकाल पाया है। जबकि यह मामला दक्षिणी हरियाणा खास तौर पर अहीरवाल क्षेत्र के किसानों की जिंदगी से जुड़ा है। पानी के बिना किसान कैसे खेती करेगा और अपना पेट भरेगा। इसीलिए श्री यादव ने हरियाणा के पक्ष व विपक्ष सभी दलों से यह अपील की कि इस मुद्दे पर राजनीति को छोड़ कर एकजुट होकर अपना अधिकार लेने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। श्री यादव ने आह्वान किया कि केन्द्र सरकार के जरिये एसवाईएल के पानी को हरियाणा में लाया जा सकता है इसके लिए सभी दलों को विधानसभा में सर्वदलीय बैठक बुलाने का प्रस्ताव पारित कर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलना चाहिये। 

श्री यादव ने कहा कि नहरी पानी के अभाव में दक्षिणी हरियाणा के जिले भिवानी, रेवाड़ी, नारनौल, मेवात, पलवल, गुरूग्राम व चरखी दादरी के हजारों गांव भयंकर सूखे से ग्रस्त हैं। जगह जगह धरती फट रही है और कुंए सूख गए हैं। पानी का स्तर हजारों फीट नीचे चला गया है जिससे बोरवैल पर किसानों का लाखों रूपये खर्च हो रहे हैं और लाखों हेक्टेयर उपजाऊ धरती बंजर हो चुकी है। 

श्री यादव ने पंजाब विधानसभा के सभी सदस्यों से अपील की कि जिस तरह किसान आंदोलन में पंजाब के किसान भाईयों के साथ हरियाणा का किसान खड़ा है उसी तरह पंजाब को बड़े भाई का फर्ज निभाते हुए हरियाणा की बंजर हो रही धरती को बचाने के लिए उसके हक का पानी देने में संकोच नहीं करना चाहिये। जब तक एसवाईएल का निर्माण पूरा नहीं हो जाता तब तक भाखड़ा कनाल से हांसी बुटाना लिंक नहर के माध्यम से कम से कम 1500 क्यूसिक फीट पानी छोड़ा जाना चाहिये। इससे न केवल दक्षिणी हरियाणा से जल संकट दूर होगा बल्कि लाखों घरों तक पानी भी पहुंचेगा।

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