5 मार्च 2021स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने हरियाणा के मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि बजट सत्र में मनेठी-माजरा में एम्स निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण करने किसानों की मांग के अनुसार बजट राशी का प्रावधान करे। वहीें रेवाड़ी-नारनौल सिक्स लेन हाईवे पर एकमात्र रेलवे फाटक पाली पर रेल अंडरपास बनाने के लिए बजट में पर्याप्त राशी का प्रावधान करे।

विद्रोही ने कहा कि मनेठी एम्स, पाली रेलवे अंडरपास व दक्षिणी हरियाणा की विभिन्न विकास परियोनाओं पर अहीरवाल के लोगों को जुमले, दावे, वादे नही अपितु पर्याप्त धन आवंटन चाहिए ताकि इस क्षेत्र का समुचित विकास हो सके। भाजपा-खट्टर सरकार विगत छह सालों से दक्षिणी हरियाणा की विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धन देने की बजाय जुमलों से इस क्षेत्र को ठग रही है। अहीरवाल की सभी विकास योजनाएं क्या तो कछुआ गति से चल रही है या अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ ही नही हुआ है। भाजपा का यह सौतेला व्यवहार अब और बर्दाश्त नही होगा। यदि इस बजट सत्र में दक्षिणी हरियाणा की विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धन नही दिया तो भाजपा इस क्षेत्र के भारी विरोध का सामना करने को तैयार रहे। विद्रोही ने कहा कि गुरूवार को केन्द्रीय मंत्री नीतिन गडकरीे ने गुरूग्राम का सिंगापुर की तर्ज पर विकास करने का जुमला उछाला।

सिंगापुर की तरह गुरूग्राम का विकास का जुमला उछालकर लोगों को ठगने की बजाय यदि हरियाणा व केन्द्र की संघी सरकार गुरूग्राम में नागरिक सेवाओं के आधारभूत ढांचे को एक आम शहर की तरह ही विकसित कर दे तो यही सबसे बड़ी बात होगी। संघी सरकारों के मंत्री गुरूग्राम व दक्षिणी हरियाणा के विकास के लिए पैसे देने की बजाय जुमले उछालकर लोगों को ठगकर चलते बनते है, पर विकास के नाम पर कुछ नही करते। 

विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा सरकार इतनी किसान विरोधी है कि उसने कांग्रेस विधायकों के विधानसभा में दिये प्राईवेट कृषि बिल को भी सत्ता दुरूपयोग से सत्र प्रारंभ होने पहले ही खारिज करवा दिया। कांग्रेस के इस प्राईवेट बिल को खारिज करने के लिए संसद द्वारा कृषि कानून बनाने को बहाना बनाया। सवाल उठता है कि एमएसपी पर संसद ने कब कानून बनाया है? जब संसद ने कभी फसलों के एमएसपी पर कानून बनाया ही नही है तो कांग्रेस के दिये गए कृषि प्राईवेट बिल को कृषि कानूनों के आधार पर कैसे खारिज किया जा सकता है?

विद्रोही ने कहा कि जब भाजपा-जजपा सरकार विधानसभा में किसानों की समस्याओं पर बहस करने को ही तैयार नही है तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि ऐसी सरकार मानसिक रूप से कितनी किसान विरोधी है और ऐसी सरकार को चलता नही किया तो किसानों का विनाश तय है। 

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