अब सिलेंडर में स्मार्ट लॉक होंगे जिसे उपभोक्ता के अलावा कोई और नहीं खोल पाएगा

– गैस की चोरी रोकी जा सकेगी।
– नई प्रक्रिया के तहत जब कोई उपभोक्ता गैस सिलेंडर बुक करेगा, उसी वक्त उसके मोबाइल पर एक कोड आएगा
– गैस भरने वाले प्लांट में सिलेंडरों पर बारकोड और एंटी थेफ्ट एलीपीजी स्मार्ट लॉक लगाया जाएगा

नई दिल्ली। अक्सर ऐसी शिकायत सुनने को मिलती है कि वेंडर जो गैस सिलेंडर दे जाता है, उसमें गैस कम होती है. आरोप लगते हैं कि बड़े सिलेंडरों से गैस निकाल कर छोटे सिलेंडरों में भरे जाते हैं और इसमें वेंडर की मिलीभगत होती है. सिलेंडर के पूरे पैसे चुकाने के बावजूद पूरी गैस नहीं मिलती. इससे निजात दिलाने के लिए गैस कंपनियों ने एक नया तरकीब सोचापाएगाअब सिलेंडर में स्मार्ट लॉक होंगे जिसे उपभोक्ता के अलावा कोई और नहीं खोल पाएगा. इससे गैस की चोरी रोकी जा सकेगी.

पिछले साल नवंबर में नई प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन अब इसे लगभग सभी सिलेंडरों में अप्लाई किया जाएगा. पिछले साल गैस कंपनियों ने डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC) की शुरुआत की जिसे कंज्यूमर के पास भेजा जाता है और उसी आधार पर गैस को उपयोग में लाया जा सकता है. डीएस की ओटीपी भी कह सकते हैं जो सिलेंडर खोलने के लिए उपयोग में लाया जाता है.

ओटीपी कैसे करेगा काम

इस नई प्रक्रिया के तहत जब कोई उपभोक्ता गैस सिलेंडर बुक करेगा, उसी वक्त उसके मोबाइल पर एक कोड आएगा. यह कोड उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा. इस ओटीपी के आधार पर वेंडर असली उपभोक्ता को ही सिलेंडर डिलीवर कर पाएगा. फिलहाल इसे देश के कुछ जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. इसकी सफलता देखने के बाद अन्य जगहों पर भी इसे लागू किया जाएगा.

उपभोक्ता ही खोल पाएगा सिलेंडर

इस नए सिस्टम में वेंडर आपको तभी सिलेंडर दे पाएगा जब आप उसे डीएसी यानी कि अपने मोबाइल पर आए ओटीपी के बारे में बताएंगे. इससे सिलेंडर की चोरी नहीं होगी और उपभोक्ता के अलावा कोई और सिलेंडर खोल सकेगा और न ही उपयोग में ले सकेगा. अभी इस सिस्टम को कॉमर्शियल सिलेंडर लिए शुरू नहीं किया गया है. देश के 100 स्मार्ट सिटी में यह प्रोजेक्ट चल रहा है. सफलता की दर को देखते हुए इसे कॉमर्शियल सिलेंडर पर भी लागू किया जाएगा. गैस कंपनियों के ऐप पर जिन लोगों का मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होगा, उन्हें ऐप के जरिये यह काम करना होगा, तभी आसानी से सिलेंडर की सप्लाई की जा सकेगी.

क्या है एंटी थेफ्ट मशीन

एक ऐसी ही टेक्नोलॉजी मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के छात्रों ने तैयार किया है जिसका नाम एंटी थेफ्ट मशीन दिया गया है. इसे एलपीजी स्मार्ट लॉक भी कहा जा रहा है. इस नई टेक्नोलॉजी के बारे में बताया जा रहा है कि इस खास कैप को लगाने के बाद उपभोक्ता ही खोल सकेंगे, न कि वेंडर इसे खोल पाएगा. इंस्टीट्यूट ने स्मार्ट लॉक का पेटेंट करा लिया है और अब गैस कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है ताकि इसे सिलेंडर में लगाया जा सके.

बारकोड से रुकेगी चोरी दरअसल

. वेंडर जब आपके घर सिलेंडर सप्लाई करने के लिए ले जाएगा तो उसे सिलेंडर पर लगे बारकोड को स्कैन करना होगा. वेंडर जैसे ही बारकोड को स्कैन करेगा, उपभोक्ता के मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा. यह ओटीपी सिलेंडर के लॉक को खोलने के लिए जरूरी होगा. लॉक खोलने के बाद इसे वेंडर को लौटाना होगा. इससे गैस चोरी होने की आशंका कम हो जाएगी. गैस चोरी की घटनाओं पर विराम लगेगा और लोगों को पूरी गैस मिलेगी. गैस कंपनियों को भी अपने उपभोक्ताओं से शिकायतें नहीं मिलेंगी.

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